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रेलवे ने ली राष्ट्रीय एकता की शपथ, सरदार पटेल के योगदानों को किया याद

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर रेलमंत्री ने भारतीय रेलवे के अंतर्गत आने वाले सभी जोन के महाप्रबंधकों और अधिकारियों-कर्मचारियों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई. महाप्रबंधक सहित दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे, रायपुर मंडल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की शपथ ली.

railway officials and employees took the oath of national unity On the occasion of National Integration Day
रेलवे ने राष्ट्रीय एकता की ली शपथ

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Published : Oct 30, 2020, 10:46 AM IST

रायपुर : पूरे देश में स्वर्गीय सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. गुरुवार को रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे के अंतर्गत आने वाले सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों सहित अधिकारियों और कर्मचारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने की शपथ दिलाई.

रेलवे ने राष्ट्रीय एकता की ली शपथ
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की शपथ
इस मौके पर दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे, मुख्यालय, बिलासपुर में महाप्रबंधक, गौतम बनर्जी सहित अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की शपथ ली. मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, रायपुर में अपर मंडल रेल प्रबंधक (इंफ्रा) दर्शनीता बी. आहलूवालिया सहित अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) लोकेश विश्रोई और ब्रांच के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी ऑनलाइन जुड़कर शपथ ली.

शपथ में सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान का किया गया स्मरण


शपथ में सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान का स्मरण कर सभी को एकजुट रहने और राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्ध रहने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर देश की प्रगति में सहयोग करने का संदेश दिया गया.

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सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में हुआ था. वे एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे. उन्होंने भारत के पहले उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. वे एक भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक थे. उन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र के लिए मार्गदर्शन किया. भारत और अन्य जगहों पर उन्हें अक्सर हिंदी, उर्दू और फारसी में सरदार कहा जाता था, जिसका मतलब है 'प्रमुख'. उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में काम किया.

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