गरियाबंद :कांग्रेस की पोस्टर लेडी बल्दी बाई के निधन पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शोक व्यक्त किया है. राहुल गांधी ने पत्र लिख कर बल्दी की आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की है. परिजनों के प्रति संवेदना भी जतायी है.
अपने पत्र में राहुल ने लिखा है कि बल्दी बाई का उनके परिवार के प्रति गहरा स्नेह था. छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान उन्होंने उनके पिता स्व. राजीव गांधी का आत्मीयता से स्वागत किया था. शोक की इस घड़ी में वे बल्दी बाई ओर उसके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं.
कोरोना को मात देने के बाद बल्दी बाई का गरियाबंद में कार्डियक अरेस्ट से निधन
सीएम और पीसीसी चीफ ने भी की संवेदना प्रकट
मैनपुर के कुल्हाड़ीघाट निवासी बल्दी बाई का 6 मई की सुबह निधन हो गया था. एक दिन पहले ही वह कोरोना को मात देकर मेकाहारा से अपने घर लौटी थी. उनके निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम भी अपनी संवेदनाएं प्रकट कर चुके है. बल्दी बाई के कोरोना संक्रमित होने की खबर सुनते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मेकाहारा में उनके बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों को निर्देशित किया था. 10 दिन इलाज के बाद 92 वर्ष की उम्र में वे कोरोना को मात देकर घर लौट आयी थी. अगले दिन अचानक हृदयगति रुकने से उनका निधन हो गया था. जिले के कई स्थानीय नेताओं ने भी उनके निवास पहुंचकर अपनी संवेदनाएं प्रकट की है.
10 दिनों में ही कोरोना से ठीक हुई थी बल्दी बाई
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को कंदमूल खिलाने वाली बल्दी बाई को जब कोरोना हुआ तो शासन-प्रशासन हरकत में आ गया था. कोरोना संक्रमित होने के तुरंत बाद कुल्हाड़ी घाट मैनपुर और गरियाबंद में इलाज के बाद स्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद उन्हें रायपुर के मेकाहारा शिफ्ट किया गया था. जहां शुरुआत से उन्हें अच्छा उपचार मिला. विशेष उपचार के लिए शुरू से ही ICU में रखा गया था. गरियाबंद कलेक्टर लगातार मेकाहार के डॉक्टरों के संपर्क में थे और उनके स्वास्थ्य को लेकर जानकारी लेते रहते थे. इसी वजह सिर्फ 10 दिनों में ही बल्दी बाई कोरोना से ठीक हो गई थी. बल्दी बाई के ठीक होने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा था कि हौसले की कोई उम्र नहीं होती.