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पुलिस पस्त,अपराधी मस्त!: छत्तीसगढ़ के वो 5 बड़े केस, जिनमें पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल

छत्तीसगढ़ में रोजाना क्राइम के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. बीते कुछ दिनों से रेप, हत्या, ड्रग्स तस्करी और गोलीकांड सहित कई केस सामने आए हैं. क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ने की वजह से पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं. देखिए प्रदेश में क्राइम के 5 बड़े मामले...

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Published : Oct 12, 2020, 1:29 PM IST

Updated : Oct 12, 2020, 1:59 PM IST

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छत्तीसगढ़ में रोजाना बढ़ रहा क्राइम ग्राफ

रायपुर:छत्तीसगढ़ में लगातार क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. बीते दिनों रेप, हत्या, ड्रग्स तस्करी और गोलीकांड सहित कई मामले सामने आए हैं. जिनमें पुलिस की लापरवाही को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. किसी केस में पुलिस ने पीड़ित लोगों की शिकायत ही दर्ज नहीं तो कहीं शिकायत के बाद भी जांच में तेजी न आ सकी और पीड़ित को न्याय मिलने का वक्त भी बढ़ता गया. इसके साथ ही ड्रग्स तस्करी की बात करें तो ड्रग्स पैडलर्स से राजनीतिक कनेक्शन होने की खबरें सामने आई. पुलिस की आंखों के सामने बड़ी संख्या में ड्रग्स माफिया अपने काले कारनामों को अंजाम देते रहे. कई दिन बीत जाने के बाद पुलिस ने अभियान चलाया तब जाकर आरोपियों तक पहुंचा जा सका. देखिए प्रदेश में क्राइम के 5 बड़े मामले.

नंबर 1 : केशकाल गैंगरेप और सुसाइड केस

कोंडागांव जिले के केशकाल में 2 महीने पहले एक युवती से दुष्कर्म की घटना हुई थी. जिसके बाद युवती ने आत्महत्या कर ली. पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी के निर्देश पर मामले में पुष्टि कर जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गए थे.

आरोप है कि 7 लोगों ने आदिवासी युवती को पहले शादी वाले घर से किडनैप किया था. फिर उसके साथ गैंगरेप किया. घटना के दो दिन बाद पीड़ित युवती ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. दो महीने बाद भी केस दर्ज न होने से दुखी पीड़िता के पिता ने जान देने की कोशिश की थी. खबर दिखाए जाने के बाद कोंडागांव पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने तत्काल धनोरा थाना पहुंच कर मामले को संज्ञान में लिया गया और घटनास्थल पहुंच कर कार्रवाई शुरू की. कांकेर डीआईजी संजीव शुक्ला ने धनोरा थाना पहुंच कर घटना की जानकारी ली थी.

केशकाल रेप पीड़िता की कब्र खोदकर निकाला गया था शव

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कब्र से लड़की का शव निकालने के बाद भी पुलिस ने नहीं दर्ज की थी FIR

केशकाल एसडीओपी अमित पटेल ने बताया था कि मीडिया में खबर दिखाए जाने के बाद पुलिस और प्रशासन ने तहसीलदार उसैनी मानकर की मौजूदगी में लड़की के शव को कब्र से बाहर निकाला. कांकेर से पहुंची फॉरेंसिक टीम ने जांच की और शव को बिसरा लैब भेजा गया था. शव को परीक्षण के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनोरा में रखा गया था. धनोरा थाने में परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई, लेकिन उस दिन तक भी आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने FIR नहीं दर्ज किया था.

केशकाल गैंगरेप केस में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए एसपी से घटना की जानकारी मांगी थी. जिसके बाद घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पुलिस महानिदेशक पी.सुंदरराज ने 5 सदस्यीय SIT की टीम गठित की थी.

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कोंडागांव अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार साहू के नेतृत्व में गठित 5 सदस्यीय SIT की टीम ने कार्रवाई करते हुए घटना में संलिप्त आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. केस में फरार 2 आरोपियो में से एक आरोपी को कोंडागांव पुलिस ने बेमेतरा जिला के मक्खनपुर से गिरफ्तार कर लिया है. मामले में पहले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. धनोरा गैंगरेप मामले में अब तक 7 में से 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. गिरफ्तार आरोपियों में से 3 आरोपी नाबालिग है. घटना की जानकारी छिपाने के आरोप में धनोरा के तत्कालीन टीआई रमेश शोरी को सस्पेंड कर दिया गया.

नंबर 2: कोंडागांव में लड़की की रहस्यमयी मौत का नहीं पता चला कारण

कोंडागांव: करारमेटा के कोकरालपारा में रहने वाली लड़की की 2 महीने पहले रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी. घटनास्थल पर मृतका का फोन मिला लेकिन सिम गायब था. मोबाइल नंबर भी नहीं लग रहा था. पिता इसे सुसाइड मानने को तैयार नहीं हैं. मृतका की बड़ी बहन का कहना है कि घटना के पहले कोई लड़का उससे मिलने आया था. जिससे मामला उलझा हुआ नजर आ रहा है.

धनोरा पुलिस थाना

मृतका के पिता का कहना है कि उसकी बेटी रात को उठकर एक किलोमीटर दूर जाकर कैसे फांसी लगाएगी. सुबह लोगों के शोर मचाने और पुलिस को जानकारी देने के बाद उसका पोस्टमार्टम किया गया. पिता ने आरोप लगाया है कि फंदा देखकर आत्महत्या नजर नहीं आती है.

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हत्या के एंगल से जांच

इस मामले में एसडीओपी अमित पटेल का कहना था कि 5/20 के तहत मर्ग कायम हुआ है. पोस्टमार्टम में फांसी लगाकर आत्महत्या की बात सामने आई है. पोस्टमार्टम के लिए दो सदस्यीय मेडिकल टीम ने किया था. पीड़ित के परिवार से पूछताछ की जा रही है और विवेचना जारी है. मृतका की बहन को जिस युवक पर शक है, उसकी तलाश जारी है. पुलिस ने कहा कि अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई होगी.

नंबर3: रायपुर क्वींस क्लब गोलीकांड केस

रायपुर: 27 सितंबर की रात राजधानी रायपुर के VIP रोड स्थित क्वींस क्लब में देर रात फायरिंग के केस में पुलिस ने बिल्डर और होटल संचालक सुबोध सिंघानिया के बेटे हर्षित सिंघानिया सहित सूरज शर्मा को गिरफ्तार किया था. जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान क्वींस क्लब में पार्टी का आयोजन किया था. पार्टी के दौरान दो गुटों में झड़प होने पर हितेश पटेल नाम के युवक ने गोली चलाई थी. पार्किंग में एक व्यक्ति के साथ झड़प होने पर हितेश पटेल ने हवा में फायरिंग की थी. जिसके तत्काल बाद पुलिस मौके पर पहुंची और हर्षित पटेल को गिरफ्तार कर पूछताछ में जुट गई थी. जानकारी के मुताबिक इस पार्टी में लड़कियां भी शामिल थीं.

क्वींस क्लब रायपुर

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पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रायपुर ने जिले में 21 सितंबर 2020 की रात 9 बजे से 28 सितंबर 2020 की रात 12 बजे तक कंटेनमेंट जोन घोषित कर लॉकडाउन लगाया गया था. आदेश के तहत संपूर्ण व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन को प्रतिबंध किया गया था. साथ ही जिले के सभी मंदिर, दुकान, होटल, बार, क्लब को पूरी तरह से बंद रखा जाना था. बावजूद इसके 27 सितंबर के रात क्वींस क्लब में बर्थडे पार्टी मनाई जा रही थी. जहां पार्किंग के दौरान हुए विवाद के चलते एक व्यक्ति ने गोली चलाई थी. जिसके बाद तेलीबांधा पुलिस मौके पर पहुंची थी और अगले ही दिन होटल को सील कर दिया गया था. टोटल लॉकडाउन लगे होने के बावजूद नामी होटल में इतने लोगों का पार्टी मनाने के लिए दाखिल होना पुलिस अमले पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

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आरोपियों को लगातार किया गया गिरफ्तार

इस मामले में रायपुर पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए 28 सितंबर को 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिनके नाम हर्षित सिंघानिया, सूरज शर्मा,संस्कार पाचे,हरीश पटेल और करण सोनवानी है. जिसके बाद रायपुर पुलिस ने 29 सितंबर को जिनका बर्थडे मनाया जा रहा था उन्हें भी गिरफ्तार किया. जिनका नाम अमित धमना और राजवीर कौर है. इसके साथ ही दो महिला आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

नंबर4: बिलासपुर ड्रग्स तस्करी केस

बिलासपुर:ड्रग्स तस्करी के मामले में लगातार कार्रवाई जारी है. बिलासपुर में कार्रवाई के दौरान पकड़े गए ड्रग्स तस्करी के एक आरोपी को पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल और बिलासपुर सांसद अरूण साव का करीबी बताया गया. बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने बीजेपी सरकार में मंत्री रहे अमर अग्रवाल पर निशाना साधा था. उन्होंने बीजेपी पार्टी पर तंज कसते हुए पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल को बहरूपिया बताया.

ड्रग्स माफिया का राजनीतिक कनेक्शन

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ड्रग्स तस्करी के आरोपी के साथ पूर्व मंत्री की फोटो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है. फोटो में पूर्व मंत्री आरोपी को अपने हाथ से केक खिलाते दिख रहे हैं. अब इस मामले में जमकर सियासत भी हो रही है. शहर विधायक शैलेष पांडेय ने इस मामले में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल पर तीखा प्रहार करते हुए उन्हें बहरूपिया कहा. विधायक ने कहा कि, 'आज मंत्री जी का फोटो वायरल होने से वो अपना और अपनी पार्टी का बचाव करते नजर आ रहे हैं, लेकिन यही व्यक्ति किसी अन्य पार्टी का होता तो पूर्व मंत्री का बयान कुछ और ही होता.'

ड्रग्स तस्करी के आरोपी के साथ पूर्व मंत्री की फोटो

राजधानी से ड्रग्स के तार पहुंचे बिलासपुर

बीते दिनों कोकीन के साथ दो युवक श्रेयांस झाबक और विकास बंछोर पकड़े गए थे. और इन दोनों से पूछताछ और वाट्सअप चैटिंग के आधार पर 7 युवक पकड़े गए हैं. जिसमें बिलासपुर के अलग-अलग बस्तियों में रहने वाले आरोपी बिल्डर, नेता, सिपाही और होटल कारोबारी शामिल हैं. इन्हीं में एक आरोपी अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड भी शामिल था. भाजपा सरकार में मंत्री रहे अमर अग्रवाल और वर्तमान सांसद अरुण साव की आरोपी अभिषेक के साथ जन्मदिन मानते फोटो वायरल हो रहे हैं.

ड्रग्स तस्करी के आरोपी के साथ पूर्व मंत्री की फोटो

नंबर 5: रायपुर में पकड़ाए बिलासपुर के ड्रग्स माफिया

रायपुर:रायपुर पुलिस को ड्रग्स कारोबार के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने केस में 2 और ड्रग्स पैडलर्स को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों का नाम गौरव शुक्ला और आशीष जोशी बताया जा रहा है. इसमें से एक रायपुर और एक बिलासपुर के रहने वाला है. दोनों आरोपियों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे भी हुए हैं. इससे पहले पुलिस ने ड्रग्स के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया था.

पुलिस के मुताबिक ये सभी आरोपी ड्रग्स पैडलर्स के रूप में राज्य के अलग-अलग जिलों में ड्रग्स की सप्लाई करते थे. रायपुर पुलिस की इस कार्रवाई को ड्रग्स कारोबार के पूरे चेन को पकड़ने की अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है.

रायपुर में ड्रग्स तस्कर गिरफ्तार

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नाम बदलकर करते थे काम

इन आरोपियों को पुलिस ने पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर पकड़ा है. पुलिस के मुताबिक इस काले कारोबार से जुड़े आरोपी लगातार नाम बदलकर काम करते थे. इस रैकेट से पुलिस को कई और नाम मिले हैं. जिनकी पतासाजी की जा रही है. केस में एमडीएमए जैसा मादक सामान बरामद किया गया है.

देश के बड़े शहरों से जुड़ा है नेटवर्क

पुलिस को पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली है. जिससे पता चलता है कि इस ड्रग्स गैंग का संबंध मुंबई, गोवा जैसे बड़े शहरों के बड़े ड्रग्स माफिया से जुड़ रहा है. पुलिस अब इस कड़ी को जोड़ने की कोशिश कर रही है कि कैसे महानगरों के माफिया से रायपुर और बिलासपुर के युवाओं का संपर्क हुआ और वे इस काले कारोबार का हिस्सा बन गए.

Last Updated : Oct 12, 2020, 1:59 PM IST

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