रायपुर: भूपेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट राम वन गमन पथ योजना (Ram Van Gaman Path Scheme) के तहत चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर परिसर (Mata Kaushalya Temple) का लगभग 15 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार करवाया गया, हाल ही में नवरात्रि के पहले दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने मंदिर का लोकार्पण किया है. मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम की 51 फीट की प्रतिमा का अनावरण किया गया. एक ओर इस कार्य के लिए सरकार की तारीफ की जा रही है. वहीं मंदिर प्रांगण में लगाए गए भगवान श्रीराम की 51 फीट की मूर्ति को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
भगवान राम की प्रतिमा पर उठने लगे सवाल ? ETV भारत की टीम रायपुर से 24 किलोमीटर दूर स्थित चंदखुरी माता कौशल्या मंदिर पहुंची. हमने देखा कि मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद से श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर की ओर पहुंच रहे हैं. वहीं जब हमने वहां किए गए कार्यों का जायजा लिया,,वही मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं से बातचीत की तो ये बात निकलकर सामने आई कि लोग मूर्ति को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. मंदिर पहुंचे श्रद्धालु विनोद कुमार ने भगवान राम की मूर्ति को लेकर कहा कि मूर्ति को दूर से या पास से देखने पर समझ नहीं आ रहा है. 'मूर्ति में सीना और उभरना चाहिए था, भगवान ने जो धनुष पकड़ा है वह धनुष है या नहीं यह भी समझ नहीं आ रहा.'
दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु देवेंद्र कुमार का कहना है कि 'सरकार ने राम वनगमन पथ की अच्छी शुरुआत की है. इसके लिए सरकार का साधुवाद है. लेकिन जल्दी बाजी में जिस तरह से काम हुआ है वह ठीक नहीं है. यहां पर सबसे बड़े आकर्षण का केंद्र है भगवान राम की 51 फीट की प्रतिमा. लेकिन मूर्ति में श्रृंगार की कमी है. पेट और छाती में अंतर समझ नहीं आ रहा. मूर्ति में पैर भी अच्छे से नहीं बनाए गए. मूर्ति में भगवान धनुष पकड़े है. यह भी स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा है. पैर की आकृति भी ठीक से नहीं बनाई गई हैं'.
6 दिनों में ही स्ट्रीट लाइट का पोल गिरा
कौशल्या माता मंदिर का दृश्य रात में देखते ही बनता है. मंदिर को आकर्षक दिखाने के लिए लाइट का इस्तेमाल किया गया है. लेकिन ETV भारत ने जब मंदिर पहुंचकर वहां जायजा लिया तो ये देखने मिली कि हाल ही में लगाई गई स्ट्रीट लाइट गिर गई है. जबकि 6 दिन पहले हुए लोकार्पण के दौरान ही इन लाइट्स को लगाया गया था.
खंडित प्रतिमा की भी हो रही पूजा
जब मंदिर का जीर्णोद्धार नहीं किया गया था. उस दौरान मंदिर परिसर में राजा दशरथ का दरबार प्रदर्शित करते हुए प्रतिमाएं लगी थी. उन मूर्तियों को उखाड़ कर फिर से यथावत रखा गया है. जबकि कई मूर्तियां खंडित हो चुकी है. खंडित हो चुकी मूर्ति को नहीं हटाने से लोग उन्हीं मूर्तियों की पूजा कर रहे हैं. कई श्रद्धालुओं ने इसे लेकर कहा कि खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है. मूर्तियों को वहा से हटाना चाहिए.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास (Gaurishankar Srivas) का कहना है कि 'चंदखुरी मन्दिर छत्तीसगढ़ में कलाकृति का महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए. लेकिन यह कमीशन की भेंट चढ़ गया है. कुर्सी बचाने की कवायद में कौशल्या माता मंदिर का उद्घाटन आनन फानन में करना पड़ा. सरकार ने करोड़ों रुपये ब्रांडिंग के लिए खर्च कर दिए. भगवान श्रीराम को मात्र प्रचार का माध्यम बनाकर सरकार ने अपनी ब्रांडिंग है. यह दुखद और दुर्भाग्य की बात है. माता कौशल्या मंदिर के प्रांगण में ऐसी मूर्ति का निर्माण कराया गया है. जिसे देखने से सारे श्रद्धालु सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं.
वोट के लिए भुनाया जा रहा 'राम का नाम', 15 सालों में भाजपा ने उनके लिए क्या किया है काम?: भूपेश बघेल
बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि इतने आनन-फानन में इतनी बड़ी मूर्ति का लोकार्पण क्यों किया गया, जबकि यह 2023 में प्रस्तावित था. ऐसी मूर्ति का निर्माण करने से लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है.आने वाले समय में हिंदू समाज ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगा जिन्होंने प्रभु श्री राम का अपमान किया है.
'15 साल में BJP ने कुछ नहीं किया'
इस मामले पर कांग्रेस पार्टी के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) का कहना है कि 'क्या भारतीय जनता पार्टी ने सिर्फ भगवान राम का ठेका लेकर रखा है. भाजपा बौखला गई है. जिसने पिछले 15 साल में भगवान राम के वन गमन को ना संरक्षित किया ना उसे सुंदर बनाने की कोशिश की. ना ही उन्होंने माता कौशल्या के मंदिर को संरक्षित करने की कोशिश की. शुक्ला ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार भगवान राम के वन गमन पथ को संरक्षित कर रही है, माता कौशल्या मंदिर का सौंदर्यीकरण करा रही है तो ऐसे में भाजपा बौखला गयी है. भाजपा के लोग सवाल खड़े कर रहे हैं, वे किस नैतिकता से ऐसा कह रहे हैं.
सुशील आनंद ने कहा कि जिसकी जैसी भावना रहती है. वैसे चीजें दिखाई पड़ती है. जिसके मन में खोट है उन्हें मूर्ति में खोट नजर आ रहा है. भगवान कण-कण में विराजमान है, भगवान हमारे और आपके अंदर विराजमान है, भारतीय जनता पार्टी की जो सोच है उसमें खोट नजर आ रहा है.
अखिल भारतीय धर्म जागरण समन्वय समिति के सदस्य अमर बंसल ने नारजगी जताते हुए कहा कि 'जिस तरह भगवान राम की मूर्ति का निर्माण करवाया गया है वह गलत है. मूर्ति को देखकर हर कोई समझ रहा है जल्दबाजी में मूर्ति बनाई गई है. सरकार को इस बात बात को स्वीकारते हुए मूर्ति को सही तरह से निर्माण करवाना चाहिए.