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रायपुर : अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल के उद्घाटन में देरी, जमीन विवाद पर अटका मामला - Pramod Dubey statement

अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल के उद्घाटन को लेकर अब भी स्थिति साफ नहीं है. छत्तीसगढ़ बस संघ के संरक्षक प्रमोद दुबे का कहना है कि दूधाधारी मठ के संचालक को अलग से जमीन देनी की बात कही गई थी, लेकिन किसी कारण जमीन नहीं दी जा सकी. काम पूरा होते ही बस टर्मिनल शुरू हो जाएगा.

अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल
अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल

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Published : Nov 22, 2020, 3:56 PM IST

Updated : Nov 22, 2020, 4:18 PM IST

रायपुर : राजधानी के रावणभाटा के पास अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल बनकर तैयार हो चुका है. इसकी लागत करीब 50 करोड़ रुपये आई है. 20 महीने पहले बने इस अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल का उद्घाटन अबतक नहीं हो पाया है. इस संबंध में रायपुर नगर निगम के सभापति और छत्तीसगढ़ बस संघ के संरक्षक प्रमोद दुबे ने बताया कि जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी न होने के चलते बस टर्मिनल का उद्घाटन नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही बस टर्मिनल शुरू हो जाएगा.

अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल के उद्घाटन में देरी

छत्तीसगढ़ बस संघ के संरक्षक प्रमोद दुबे ने बताया कि 'अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा दूधाधारी मठ की जमीन पर बनाया गया है, जब नगर निगम की ओऱ से दूधाधारी मठ की जमीन मांगी गई थी, तब दूधाधारी मठ के संचालकों ने 5 शर्तों पर नगर निगम को यह जमीन दी थी. इसमें से एक शर्त यह थी कि नगर निगम को दी जा रही 30 एकड़ की जमीन के एवज में नगर निगम उन्हें रायपुर के करीबी इलाकों में 30 एकड़ की जमीन देगा, जो कि अबतक नहीं हो सका है. इस कारण अभी जमीन हस्तांतरण का विवाद बना हुआ है. जिसके चलते अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल का उद्घाटन नहीं हो सका है'.

अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल

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50 करोड़ की लागत से तैयार

प्रमोद दुबे ने यह भी बताया कि अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल लगभग 50 करोड़ की लागत से बनकर तैयार है. वेंडिंग जोन और दुकानदारों के लिए अलग जगह रखी गई है. पंडरी बस स्टैंड में जो छोटी दुकानें हैं, उन्हें नए बस स्टैंड ले जाने के लिए कोई नीति बनाई जा सकी है. उन्होंने कहा कि इस पर नगर निगम जल्द ही नई नीति बनाएगा. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वॉशिंग एरिया अलग रखा गया है. साथ ही पेट्रोल पंप के लिए भी जगह अलग से तैयार की गई है. बस स्टैंड में पानी, सिक्योरिटी गार्ड, साइकिल स्टैंड, ऑटो स्टैंड, टैक्सी स्टैंड की व्यवस्था भी अलग से की गई है. उन्होंने दूधाधारी मठ के संचालक को अलग से जमीन देनी की बात पर कहा कि दूधाधारी मठ के महाराज को जो जमीन देनी थी वह अभी नहीं दी जा सकी हैं. इस वजह से अभी बस टर्मिनल का उद्घाटन नहीं हो पाया है. काम पूरा होते ही बस टर्मिनल शुरू हो जाएगा.

क्या है पूरा मामला

  • अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल का उद्घाटन मई 2019 में होना था.
  • नगर निगम के पूर्व कमिश्नर शिव अनंत ने 16 अप्रैल 2019 को बीआरटीएस बसों को अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल में चला कर देखा था.
  • दूधाधारी मठ की जमीन और परिसर दुकान के आवंटन को लेकर उद्घाटन में देरी.
  • टिकरापारा रावण भाटा में अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश सहित आठ राज्यों की 300 से ज्यादा बसें चलेंगी.
  • इन राज्यों से आने वाले किसी भी बस को शहर में एंट्री नहीं मिलेगी.
  • राजधानी की चारों दिशाओं से आने वाली बसे रिंग रोड से सीधे अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल पहुंचेगी.
  • शहर में इन बसों की एंट्री बैन होने से ट्रैफिक का दबाव कम होगा और जाम से राहत मिलेगी.
  • बस टर्मिनल में एक साथ मिनी बसें, अंतर्राज्यीय बसें, ऑटो, टैक्सी, साइकिल यहां रखी जा सकती है.
  • बलौदाबाजार जाने वाली बसें अब भी पंडरी बस स्टैंड से चलेंगी. इसके लिए अब तक सहमति नहीं मिली है.
Last Updated : Nov 22, 2020, 4:18 PM IST

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