रायपुरःछत्तीसगढ़ में बिजली व्यवस्था के निजीकरण की खबरों को लेकर छत्तीसगढ़ स्टेट छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज ने खंडन किया है. CSPDCL के डायरेक्टर अंकित आनंद ने बताया है कि प्रदेश में विद्युत प्रणाली का निजीकरण नहीं किया जाएगा. डायरेक्टर अंकित आनंद ने बताया है कि बिजली व्यवस्था को फ्रेंचाइजी पर देने का कोई प्रस्ताव नहीं है. प्रदेश की विद्युत प्रणाली से संबंधित सभी कार्यों का निष्पादन छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज करती है. उन्होंने बताया कि पावर कंपनीज छत्तीसगढ़ राज्य शासन के अधीन प्रदेश के उपभोक्ताओं के हित संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है.
नहीं होगा निजीकरण
छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनीज के चैयरमेन अंकित आनंद ने कहा है कि स्टेट पावर जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की कार्य-निष्पत्ति को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है. ऐसी कंपनियों के निजीकरण जैसा कोई भी प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. कंपनी के निजीकरण संबंधी खबरों को उन्होंने भ्रम फैलाने वाली खबर बताया. बलौदा बाजार सहित प्रदेश के किसी भी क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था संबंधी कार्यों को कोई फ्रेंचाइजी देने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
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पूर्व सीएम ने ट्वीट कर लगाया था आरोप
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने लिखा था कि बघेल सरकार के खाने के दांत अलग है और दिखाने के अलग! पूर्व सीएम ने लिखा था कि एक तरफ तो यह सरकार नगरनार प्लांट के निजीकरण का विरोध कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल को निजी हाथों में देने की तैयारी में है. राज्य सरकार पर दोहरा मापदंड का आरोप लगाया था. रमन सिंह के इस ट्वीट के बाद राज्य सरकार ने स्पस्टीकरण जारी किया है.
उपभोक्ताओं का हित-संरक्षण पहली प्राथमिकता
CSPDCL के चैयरमेन अंकित आनंद ने जानकारी दी कि स्टेट पावर कंपनीज राज्य शासन की रीति-नीति के अनुरूप काम कर रही है. प्रदेश के विभिन्न श्रेणी में करीब 56 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को संतोषप्रद सेवाएं दी जा रही हैं. पहली बार हाफ रेट पर बिजली योजना और 'मोर बिजली मोबाइल एप' शुरू किया गया है. इससे साफ पता चलता है कि कंपनी के निजीकरण जैसी बात सत्यता से परे है. प्रदेश भर की विद्युत वितरण प्रणाली के संचारण-संधारण, बिलिंग, राजस्व वसूली के कार्य पावर कंपनीज की ओर से संपादित किए जाते रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का हित-संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकताओं सहित कंपनी प्रबंधन के लिए सर्वोपरि है.