रायपुर: राजधानी रायपुर के ऑफिसर कॉलोनी आनंद नगर स्थित निवास पर बीजेपी नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने प्रेसवार्ता की. प्रेस वार्ता के दौरान नारायण चंदेल ने दुर्ग हत्याकांड मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की. साथ ही नारायण चंदेल ने कुम्हारी हत्याकांड मामले में सरकार से परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की भी मांग की. (Potter Murder Case)
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'पुलिस 24 से 48 घंटो में शाबाशी लेने के लिए परिजन में से ही किसी परिचित को अपराधी बना देती है. इसलिए हम चाहते हैं की इसकी उच्च स्तरीय जांच हो.'- नारायण चंदेल, नेता प्रतिपक्ष, छग विधानसभा
बीजेपी नेता नारायण चंदेल ने कहा " मुझे लगता है कि पुलिस ने जिस प्रकार से कुम्हारी के पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया है. इस पूरी घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. हम प्रदेश में हाल ही में हुए दो तीन घटनाओं को देखें. पुलिस 24 घंटे 48 घंटे में शाबाशी लेने के लिए परिजन में से ही किसी परिचित को अपराधी बना देती है. वह व्यक्ति अपराध स्वीकार कर लेता है. इसीलिए हम यह मांग करते हैं कि कुम्हारी हत्याकांड मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. इसके लिए एक जांच टीम गठित करनी चाहिए. एक अपराध से दूसरे अपराध के तार जुड़े हुए होते हैं और अपराधी किस मकसद से अपराध कर रहा है. उच्च स्तरीय जांच में इसके बारे में और अच्छे से पता चल पाएगा. नए तथ्य सामने आ सकते हैं."
कुम्हारी हत्याकांड केस पर बोले नेता प्रतिपक्ष चंदेल नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा " छत्तीसगढ़ में बाहर के लोग आकर अपराधिक मामलों को अंजाम दे रहे हैं. यह एक पूरा गैंग है जो छत्तीसगढ़ में घूम रहा है. कोरबा में जिस प्रकार से गोली चली है. छत्तीसगढ़ का यह तस्वीर नहीं है. छत्तीसगढ़ में इस तरह की वारदातें नहीं होती है. कोरबा में शाम को 6:00 बजे भीड़भाड़ वाले इलाके में ट्रांसपोर्ट नगर में फायरिंग होती है और 48 घंटे बाद भी वह पुलिस की पकड़ से बाहर है तो छत्तीसगढ़ किस दिशा में जा रहा है. "
मुख्यमंत्री परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए दें मुआवजा राशि :नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा " मुख्यमंत्री जब उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जाकर 50-50 लाख रुपए दे सकते हैं तो यह तो उनका अपना क्षेत्र है. मुख्यमंत्री को दरियादिली दिखानी चाहिए और 1-1 करोड़ों पर मुआवजा देना चाहिए. हमको आशंका है कि कुम्हारी में जो घटना हुई है वह रहस्यमय तरीके से हुई है. संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है. इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए और जांच से बहुत सारी चीजें सामने आती हैं. प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. जब मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के गृह जिले में इस तरह की घटना हो रही है तो छत्तीसगढ़ के सुदूर क्षेत्रों में क्या स्थिति होगी."