रायपुर: कोरोना काल में देश समेत छत्तीसगढ़ ने भी काफी भयानक मंजर का सामना किया है. सभी जगह स्वास्थ से लेकर रोजगार, व्यापार सब प्रभावित रहा है. इसकी कई वजह रही. लेकिन इनमें से एक वजह ग्रह नक्षत्रों की स्थिति का ठीक न होना भी बताया जा रहा है. क्योंकि समय-समय पर ग्रहों की दशा बदलती है और उसका असर विश्व और भारत सहित छत्तीसगढ़ पर भी देखने को मिला है.
आइए जानते हैं कि कोरोना काल में ग्रहों की दशा का किस तरह का प्रभाव रहा और आने वाले समय में ग्रह क्या प्रभाव डाल सकते हैं ? इन सारे सवालों के जवाब के लिए ETV भारत ने ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ दत्तात्रेय होरकरे (Astrologer Dattatreya Horkare) से विशेष चर्चा की. चर्चा के दौरान उन्होंने ग्रह-नक्षत्रों को लेकर विस्तृत जानकारी दी.
केतु के वृश्चिक राशि में होने से विश्व में तेजी से बढ़ा कोरोना
दत्तात्रेय होरकरे के मुताबिक विशेष रूप से अभी केतु वृश्चिक राशि में है. इस समय विश्व के परिदृश्य के रूप में बात की जाए तो, केतु के वृश्चिक राशि में होने के कारण ये संक्रमण बहुत तेजी से आगे बढ़ गया.
वृषभ लग्न में राहु के कारण भारत में बढ़ सकता है संक्रमण
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक भारत की बात की जाए तो भारत की कुंडली में राहु वृषभ लग्न में बैठा हुआ है. भारत की वृषभ लग्न की कुंडली है. अभी गोचर में देखे तो वृषभ लग्न में ही राहु बैठा है. निश्चित रूप से अभी संक्रमण का दौर थमा नहीं है. ये संक्रमण के दौर (corona pendamic) की आगे और बढ़ने की संभावना है.
बुध के अस्त होते आ सकता है दूसरा दौर
भारत की कुंडली में अभी चंद्र ग्रह में शनि की दशा चल रही है. चंद्र में शनि की दशा के कारण ही कोरोना की दूसरी लहर (second wave of corona) आई. अब जुलाई के दूसरे सप्ताह में चंद्र में शनि की दशा थमने वाली है. उसके बाद चंद्र में बुध की दशा शुरू होगी. भारत की कुंडली की बात की जाए तो उसमें सूर्य के साथ बैठकर बुध अस्त है. इसलिए भारत में सितंबर के आसपास एक और संक्रमण का दौरा आ सकता है. ये भी हो सकता है कि, वह पिछले दौर जितना ही पावरफुल हो.
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