रायपुर:कोरोना महामारी के बीच नीट और जेईई परीक्षा होने जा रही है. छत्तीसगढ़ में भी इस परीक्षा को स्थगित करने की छात्रों की ओर से मांग की जा रही है. राजनीतिक दलों ने ऐसे मुश्किल समय में परीक्षाएं आयोजित करने को लेकर विरोध दर्ज कराया है और फिलहाल परीक्षाओं को टालने की मांग की है.
कोरोना संकट के बीच जेईई और नीट परीक्षा ETV भारत ने जानने की कोशिश की है कि इस परीक्षा को आयोजित करने से छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ेगा साथ ही इसके क्या राजनीतिक मायने हैं. आखिरकार क्यों विपक्ष इस परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रही है. वहीं सत्तापक्ष निर्धारित तिथि पर परीक्षा कराने की बात कर रही है.
जेईई और नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों का कहना है कि यदि वे जैसे-तैसे कर परीक्षा केंद्र तक पहुंच भी जाते हैं तो ऐसे में इस बात की क्या गारंटी होगी कि वह वहां कोरोना संक्रमित नहीं होंगे साथ ही आने-जाने के दौरान भी वे कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं.
परीक्षा परिणाम पर पड़ सकता है असर
इन परीक्षाओं की तैयारी करा रहे शिक्षकों का भी कहना है कि यदि इस कोरोना महामारी के बीच परीक्षा आयोजित की जाती है तो छात्रों के कोरोना संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए छात्रों के पास आवागमन के साधनों का अभाव है. यदि वे किसी तरह परीक्षा केंद्र पहुंच भी गए तो छात्रों के बीच कोरोना का इतना भय कि उसका असर परीक्षा परिणाम पर पड़ सकता है.
सीएम ने लिया अहम फैसला
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने केंद्र सरकार से मांग की है कि कोरोना महामारी को देखते हुए वर्तमान में आयोजित किए जाने वाली इन परीक्षाओं को स्थगित कर दिया जाए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस परीक्षा के आयोजन को लेकर पुरजोर विरोध किया. आवागमन की परेशानियों को देखते हुए उन्होंने महत्वपूर्ण फैसला लिया है. सीएम ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर कहा है कि परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर आवश्यकतानुसार बस, मिनीबस, जीप आदि वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
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वहीं भाजपा का कहना है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहती है. कांग्रेस कोरोना महामारी के कारण परीक्षा को रद्द करने की मांग करती है तो वहीं दूसरी ओर कई बड़े आयोजन किए गए हैं. सरकार कोरोना और परीक्षा के नाम पर राजनीति करने का प्रयास कर रही है.