छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले पर घमासान रायपुर:भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रेसवार्ता ली. प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने ईडी की कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ में हुए 2000 करोड़ के शराब घोटाले पर भूपेश सरकार पर जमकर हमला बोला. अरुण साव ने कहा "इस पूरे घोटाले से जुड़े सभी मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की जरूरत है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस मामले में इस्तीफा देना चाहिए. ईडी की बड़ी कारवाई के बाद भारतीय जनता पार्टी का यह आरोप फिर साबित हुआ है कि छत्तीसगढ़ की जनता को बुरी तरह लूट खसोट कर भूपेश बघेल सरकार 10 जनपथ का खजाना भर रही है."
साव ने बताया देश का सबसे बड़ा घोटाला:भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि "छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला देश भर में इस तरह का सबसे बड़ा घोटाला है. यह केजरीवाल के दिल्ली शराब घोटाले से भी बड़ा और उससे भी ज्यादा संगीन है. अभी तक शराब घोटाले के अलावा कोयला घोटाला, चावल घोटाला, सीमेंट घोटाला, रेत घोटाला, तबादला घोटाला समेत प्रदेश के हर तरह के संसाधनों की लूट इस सरकार ने मचा रखी है. कांग्रेस की यह बेइमान सरकार फिरंगियों और मुगलों से भी ज्यादा बेदर्द तरीके से छत्तीसगढ़ को लूट रही है. इसने घोटालों की श्रृंखला में मनमोहन सरकार को भी पीछे छोड़ दिया है."
कौन है पॉलिटिकल मास्टर:अरुण साव ने कहा कि "2000 करोड़ के शराब घोटाले में मुखिया के निर्देश पर अनवर ढेबर ने एक संगठित आपराधिक सिंडिकेट बनाया. जिसके अंतर्गत भ्रष्टाचार का पैसा पार्ट A, पार्ट B और पार्ट C के अंतर्गत तैयार किया. ईडी की प्रेस रिलीज में साफ कहा गया है कि ये लोग घोटाले की रकम के अंतिम लाभार्थी नहीं हैं, ये लोग अपना कमीशन काटकर बांकी पैसे को 'पॉलिटिकल मास्टर' को भेज देते थे. क्या यह बताने की जरूरत है कि ये 'पॉलिटिकल मास्टर' कौन हैं."
"लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़":अरुण साव ने कहा कि "बड़ी संख्या में कच्ची और देसी शराब प्रदेश भर के 800 दुकानों में खपाया गया हैं, जिसे वैध तरीके से भी बेचा नहीं जा सकता है. इस शराब से शासकीय खजाने को तो अरबों का चूना लगा ही, साथ ही प्रदेशवासियों की जान का भी सौदा किया गया. आरोप के अनुसार फैक्ट्री में शराब बना कर उसे सीधे दुकानों को बेचा जा रहा था और यह रकम सीधे 'राजनीतिक खजाने' में जमा होती थी. जहरीली शराब से हुई मौतों को भी भूपेश सरकार ने शराब बेचने का बहाना बना दिया."
"ईडी की कार्रवाई के बाद राजस्व में बढ़ोतरी": साव ने कहा कि "शराब की कीमत 50 से 80 प्रतिशत बढ़ाने, बड़ी संख्या में कच्ची और दूसरे अवैध शराब से मौत होने के बावजूद शासन शराब राजस्व में कमी दिखाता रहा. अपनी पीठ भी थपथपाता रहा. जबकि सच्चाई यह थी कि शराब का अधिकांश पैसा सीधे पॉलिटिकल सरगना हड़प जाता था. यही कारण है कि ईडी की कारवाई होते ही अचानक शराब राजस्व में 22 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है."
"भोले भाले आदिवासी को बनाया आबकारी मंत्री":अरुण साव ने कहा कि "इस मामले में सबसे दुखद पक्ष है. एक सहज और भोले आदिवासी मंत्री को इस्तेमाल किया जाना. कवासी लखमा इस विभाग के मंत्री इसीलिए बनाए गए ताकि वे भूपेश बघेल और ढेबर के इस सिंडिकेट में कोई हस्तक्षेप ना कर सकें. इसी तरह ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन में भी अध्यक्ष का पद इसलिए ही खाली रखा, ताकि लूट की रकम का शेयर और किसी को नहीं देना पड़े. छत्तीसगढ़ बदलने के नारे के साथ आई इस सरकार ने पूरी सरकार को ‘अंडरवर्ल्ड’ के रूप में बदल दिया था."
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अरुण साव ने कहा कि "सरकार का काम जनता की जान की रक्षा करना है. लेकिन जनता की रक्षा करने की बजाय ये सरकार घटिया शराब पिलाकर उसकी जान जोखिम में डाल रही है, ऐसी सरकार को एक पल भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए. न केवल शराब घोटाला, बल्कि दूसरे तमाम घोटाले के तार सीधे तौर पर मुख्यमंत्री निवास से जुड़े हैं. सीएम की सबसे करीबी उप सचिव और अनेक अधिकारी, कांग्रेसी नेता आदि इन मामलों में जेल में बंद हैं. भाजपा मांग करती हैं कि घोटाले से जुड़े ये सभी मामले की फ़ास्ट ट्रैक में सुनवाई हो. अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते हैं, तो ये तमाम मामले प्रदेश से बाहर सुनवाई कर शीघ्र इस पर फैसला हो."
शराब घोटाले के बाद बीजेपी लगातार सरकार पर हमला कर रही है. अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बघेल सरकार पर कई संगीन आरोप लगाए हैं. ईडी और विपक्ष के इन सब आरोपों को कांग्रेस बेबुनियाद मानती है. सीएम बघेल ने भी इसे मनगढ़ंत करार दिया है. अब देखाना होगा कि इस मामले में राजनीति कहां तक जाती है ?