रायपुर: लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरु हो चुकी हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जहां बीजेपी जोश में है वहीं कांग्रेस इंडिया गठबंधन के दम पर बीजेपी को हराने का दम ठोक रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. राम मंदिर पर अब सियासी घमासान भी शुरु हो गया है. बीजेपी जहां रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को भव्य बनाने के लिए दिन रात जुटी है. राम मंदिर के आयोजन को कांग्रेस बीजेपी का सियासी चाल बता रही है. कांग्रेस का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सियासी माइलेज लेने के लिए बीजेपी इसे आंदोलन का रुप दे रही है. बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि राम के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करने वाले आज राम का नाम तो ले रहे हैं. बीजेपी ने कहा कि जब मंदिर नहीं बन रहा था तो सदन से लेकर बाहर तक चिल्लाते थे. हर मंच से कांग्रेसी पूछते थे मंदिर कब बनाएंगे तारीख नहीं बताएंगे. बीजेपी ने कहा अब तो तारीख भी नजदीक आ गई है निमंंत्रण भी भेज दिया गया है, देखते हैं कौन-कौन आता है.
राम के नाम पर सियासी घमासान: छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोग उत्साहित हैं. लेकिन अब रामजी के नाम पर कांग्रेस और बीजेपी में सियासी घमासन शुरु हो चुका है. कांग्रेस का कहना है कि राम मंदिर आस्था का प्रतीक है लेकिन बीजेपी इसे सिसायत का केंद्र बनाने पर तुली है. बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि राम आस्था का केंद्र हैं ये जग जाहिर है. कांग्रेस के नेता ही यदा कदा ये कहते रहे हैं कि राम का अस्तित्व नहीं है. कांग्रेस के नेता तो यहां तक कर रहे थे राम सेतु जैसी कोई चीज नहीं है. बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि राम को नहीं मानने वाले भी अब राम की शरण में आ रहे हैं.
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि "केंद्र की मोदी सरकार की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए भाजपा हम सबके हिंदुओं के पूजनीय देवता मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से सिर्फ राजनीति कर रही है. यदि भाजपा भगवान राम के बताएं मार्ग पर चलती, तो 10 साल में देश आज खुशहाल होता, बेरोजगारी की समस्या नहीं होती. लेकिन भाजपा सरकार ने 10 साल कोई काम नहीं किया. अब भगवान राम के नाम पर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ करने की कोशिश बीजेपी कर रही है"