रायपुर: भूपेश बघेल ने शून्य से सत्ता का तक का सफर पूरा किया है. पाटन की पंगडंडियों से सीएम आवास तक पहुंचने की उनकी कहानी संघर्ष से भरी है. 23 अगस्त 1961 को दुर्ग के पाटन में भूपेश बघेल का जन्म किसान परिवार में हुआ. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई बेलौदी में पूरी की. स्कूली पढ़ाई के बाद वह कॉलेज जीवन में छात्र राजनीति से जुड़ गए. जिसके बाद 80 के दशक में कांग्रेस के साथ राजनीतिक पारी शुरूआत की. उसके बाद वह दुर्ग जिले के यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने.
एक नजर भूपेश बघेल के राजनीतिक जीवन पर
- भूपेश बघेल ने 80 के दशक में सियासी सफर की शुरुआत की.
- 1990-94 तक युवक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे.
- साल 1993 में पहली बार विधायक बने.
- एमपी में कांग्रेस की दिग्विजय सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.
- छत्तीसगढ़ में साल 2000 में जोगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे.
- साल 2014 में छत्तीसगढ़ पीसीसी चीफ का कार्यभार संभाला.
- लगातार हार रही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश भरा.
- साल 2014 से 2018 तक सड़कों पर संघर्ष किया.
- साल 2018 में विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाई.
- दिसंबर 2018 में छत्तीसगढ़ के सीएम बने.
आक्रामक तेवर और तेज तर्रार नेता के रूप में बनाई पहचान
जिस आक्रामक शैली की वजह से भूपेश बघेल ने पीसीसी चीफ से सीएम तक की कुर्सी का सफर तय किया वो आज भी बरकरार है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने का काम भूपेश बघेल ने किया.सीएम बनने के बाद भी दो विधानसभा उपचुनाव में भी भूपेश बघेल ने कांग्रेस को जीत दिलाई. भूपेश बघेल में लीडिंग क्षमता आज की नहीं बल्कि शुरू से है. उनको जानने वाले मानते है कि वे हर आंदोलन को परिणाम में बदलना जानते हैं