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Published : Jun 6, 2020, 4:45 PM IST

Updated : Jun 6, 2020, 10:50 PM IST

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कोरोना काल: सूना पड़ा मरीन ड्राइव, फीका पड़ा सद्दानी चौक का स्वाद

रायपुर में कोविड-19 की दस्तक से पहले का कुछ अलग ही माहौल हुआ करता था. दिन हो या रात चारों ओर लोगों की आवाजाही से सड़कें गुलजार रहती थीं, लेकिन लॉकडाउन और कोरोना वायरस ने लोगों की जीवन शैली को बदल कर रख दिया है, जो चौक कभी लोगों से भरा रहता था, वहां सन्नाटा पसरा है, जिस बस स्टैंड में कभी बसों के हॉर्न की आवाज गूंजती थी, वह सूनसान पड़ा है. साथ ही लोगों के जिंदगी में भी खासे बदलाव आए हैं.

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कोरोना काल में बदली जीवन शैली

रायपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस लगातार अपने पांव पसारता जा रहा है. प्रदेश के कोने-कोने से कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेशभर में लॉकडाउन किया गया था. कोरोना वायरस के बीच किए गए लॉकडाउन से लोगों के जीवन में बहुत से बदलाव हुए हैं. रोजगार, व्यवसाय के साथ-साथ लोगों की जीवनशैली भी बदल गई है. कोरोना काल में लोगों के जीवन शैली को लेकर ETV भारत ने शहर के अलग-अलग जगहों का जायजा लिया. जहां लोगों से बातचीत कर उनके जीवन में आए बदलावों के बारे में जाना.

सूना पड़ा मरीन ड्राइव

तेलीबांधा में मौजूद मरीन ड्राइव की बात करें, तो यह जगह कभी लोगों के चहल पहल से गुलजार रहती थी, लेकिन आज यहां सन्नाटा पसरा हुआ है, लोग दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं. कभी तालाब किनारे लोग सैर करने आते थे, उन लोगों का आना बेहद कम हो चुका है. जहां कभी भी वीक एन्ड पर मरीन ड्राइव में रौनक देखने को मिलती थी, लोगों से मरीन ड्राइव खचाखच भरा रहता था, अब वहां बहुत कम लोग ही घूमने आते हैं.

जयस्तंभ चौक में सन्नाटा

जयस्तंभ चौक का भी रौनक खत्म
राजधानी के हृदय स्थल जयस्तंभ चौक से रोजाना हजारों लोगों का आना जाना हुआ करता था, शाम होते ही यहां घंटों जाम लगा करता था, लेकिन शाम 7 बजे के बाद से ही सड़कों पर चलने वाले लोग बेहद कम नजर आते हैं. लोग कोविड-19 की बढ़ती महामारी को देखते हुए घरों से नहीं निकल रहे हैं. ऐसे में जो चौक कभी लोगों के आवाजाही से गुलजार हुआ करता थी, वहां सन्नाटा पसरा रहता है.

सड़कें सूनसान

पंडरी बस स्टैंड का हाल
ऐसे ही हालात रायपुर के पंडरी बस स्टैंड के हैं. यहां से प्रदेश के कोने-कोने के लिए बसें जाती थी, अब बस स्टैंड में बहुत ही कम लोग नजर आ रहे हैं. साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से सरकार ने भी बसों की आवाजाही पर ब्रेक लगा दिया था. ऐसे में कभी जो बस स्टैंड बसों की हॉर्न से गूंजता रहता था, वहां शाम के सात बजते ही सन्नाटा छा जाता है.

सद्दानी चौक के चटखारों में नहीं रही चटक

रायपुर शहर के सबसे पुराने सद्दानी चौक में लोग कभी व्यंजनों के चटखारे लेने आया करते थे, वहां की मिठास अब कोविड-19 की महामारी के कारण कड़वाहट में बदल गई है. शाम होते ही व्यंजनों के स्टालों में लोगों की भीड़ हुआ करती थी, अब वह भी सूनसान है. व्यंजनों की दुकानें भी शाम 7 बजे तक बंद हो जाती हैं.

कोरोना काल में कैसे बदला लाइफ स्टाइल ?

स्थानीय निवासी अभिषेक ने बताया कि कोरोना के कारण लोगों की जीवन शैली में बहुत परिवर्तन आया है. साथ ही लोगों की इनकम को लेकर भी एक बड़ा बदलाव हुआ है, जो लोग पहले अच्छा खासा कमाते थे, अब उनकी कमाई वैसे नहीं हो रही है, जिसके कारण उनकी पूरी लाइफ स्टाइल प्रभावित हो रही है. लोग अपनी जरूरतों को कम कर रहे हैं. साथ ही जिंदगी में बहुत सारी चीजों में कंप्रोमाइज करना पड़ रहा है. साथ ही अब ऑफिस से घर आकर जो घूमने निकलते थे, उसपर भी ब्रेक लग गया है.

लोगों के जिंदगी में देखने को मिला बदलाव
लोकेश पारेख ने बताया कि कोरोना काल में सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक में बहुत बदलाव आए हैं. पहले सुबह बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना होता था, सारी चीजें बदल गई हैं. वहीं इस बीच एक अच्छी बात हुई है, कि परिवार को समझने का समय मिल गया है. पहले लोग अपने व्यस्त रूटीन के कारण समय नहीं निकाल पाते थे, लेकिन अब लाइफ को समझने के लिए समय निकाल पा रहे हैं. परिवार में घुल मिलकर रह रहे हैं, एक दूसरों से बातें कर रहे हैं, जिससे लोगों की जिंदगी में एक अच्छा बदलाव देखने को मिला है.

3 महीने से घर में हो रहे बोर
शहर के बूढ़ापारा निवासी शुभम घाडगे ने बताया कि लोगों की जिंदगी पूरी तरह चेंज हो गई है, जो लोग हमेशा बाहर रहा करते थे, वह सब अब लगभग 3 महीने से घर में ही हैं. लोग घरों में रहकर बोर हो गए हैं. पहले बोरियत को ठीक करने के लिए घर से बाहर घूमने निकल जाते थे, वो अब काम पड़ने पर ही बाहर निकल रहे हैं, लोगों के दिलों में कोरोना वायरस का खौफ राज कर रहा है. साथ ही घरों में रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का भी विशेष ध्यान रख रहे हैं.

Last Updated : Jun 6, 2020, 10:50 PM IST

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