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Patwaris Strike Ends: हड़ताल खत्म कर सीएम से मिलने पहुंचे पटवारी, जनहित को देखते हुए काम पर लौटे - भुईंया की समस्या

छत्तीसगढ़ में मानसून की दस्तक होने वाली है, लेकिन सहकारी समिति और पटवारियों की हड़ताल को चलते किसान को खाद नहीं मिल पा रही है. खेती किसानी के तमाम काम रुके पड़े हैं. फसल की तैयारियों में पिछड़ रहे अन्नदाताओं की परेशानियों को देखते हुए पटवारी संघ ने गुरुवार को काम पर लौटने का फैसला किया.

Patwaris met CM Bhupesh Baghel
हड़ताल खत्म कर सीएम से मिलने पहुंचे पटवारी

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Published : Jun 15, 2023, 11:05 PM IST

हड़ताल खत्म कर सीएम से मिलने पहुंचे पटवारी

रायपुर:किसानों की परेशानियों को देखते हुए पटवारियों ने गुरुवार को अपनी हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया. हड़ताल खत्म करने के बाद पटवारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने सीएम हाउस पहुंचे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पटवारियों की मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया. इसी के साथ मानसून सीजन में धान फसल को लेकर चिंता में डूबे किसानों की परेशानियां भी दूर हो गईं.

"विगत 15 मई से पटवारी संघ का जो हड़ताल चल रहा था, उसे जनहित में देखते वापस लिया जा रहा है. वर्तमान में खेती किसानी का सीजन चल रहा है और छात्र भी बहुत परेशान हैं. इसे देखते हुए हम अपना अनिश्चितकालीन आंदोलन स्थगित करते हैं." -भागवत कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष, पटवारी संघ


15 मई से चल रही थी हड़ताल:राजस्व पटवारी संघ अपनी 9 सूत्रीय मांग को लेकर 15 मई यानी पिछले 32 दिनों से पूरे प्रदेश में हड़ताल पर थे. राजस्व पटवारी संघ की बेमियादी हड़ताल से आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र सहित पटवारियों से जुड़े सभी काम पूरी तरह प्रभावित थे. तहसील कार्यालय में आम दिनों में सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ हुआ करती थी, लेकिन पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से तहसील कार्यालय में भी इन दिनों सन्नाटा पसरा है.

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ये है पटवारी संघ की 9 सूत्रीय मांग:भुईंया की समस्या को दूर करते हुए संसाधन की मांग पटवारी संघ ने किया है. सीनियारिटी के आधार पर जिनकी उम्र 45 वर्ष या सेवाकाल 20 वर्ष से अधिक हो चुकी है. ऐसे पटवारियों को राजस्व निरीक्षक के पद पर सीधे प्रमोशन दिया जाए. राजस्व निरीक्षकों के कुल पदों का 50% पद पर सीनियारिटी के आधार पर पटवारियों को प्रमोशन दिया जाना चाहिए. शासन से स्पष्ट निर्देश जारी हो कि जब तक विभागीय जांच पूर्ण ना हो जाए, तब तक किसी भी पटवारी पर प्रारंभिक एफ आई आर दर्ज नही किया जाना चाहिए.

मांगों में ये भी हैं शामिल:महंगाई को देखते हुए फिक्स टीए प्रति महीने 1000 रुपया की जाए. स्टेशनरी भत्ता 1000 रुपया प्रति महीने दिया जाए और इसे प्रतिवर्ष बढ़ाया जाना चाहिए. इसके साथ ही पटवारियों को अपने कार्य संपादन करने के लिए कार्यालय के लिए किराए का भुगतान किया जाए. नक्सल प्रभावित जिलों में पटवारियों को नक्सल भत्ता प्रदान किया जाना चाहिए. पटवारियों के मुख्यालय में निवास करने की बाध्यता को समाप्त किया जाना चाहिए. अतिरिक्त हलके के प्रभार के लिए पटवारियों के मूल वेतन का 50% राशि भत्ता दिया जाना चाहिए. पटवारियों के वेतन विसंगति को दूर किया जाना चाहिए.

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