छत्तीसगढ़ में इस बार धान की रिकॉर्ड तोड़ खरीदी, क्या कहना है किसान संघ नेताओं का - छत्तीसगढ़
रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस बार धान की रिकॉर्ड तोड़ खरीदी हुई है. प्रदेशभर से मिल रहे आंकड़ों के मुताबिक इस साल 80 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान खरीदा गया है. पिछले वर्ष प्रदेशभर में 56.88 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी.
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इस साल करीब 23 लाख मीट्रिक टन ज्यादा धान की खरीदी हुई है. इसके पीछे सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी किए जाने और धान की पिछले साल के मुकाबले अधिक पैदावार को कारण माना जा रहा है.
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प्रदेशभर में इस बार 1998 खरीदी केंद्रों के माध्यम से किसानों का धान खरीदा गया है. इस साल विधानसभा चुनाव के बाद धान ज्यादा खरीदा गया है. इसका सीधा मतलब यही है कि किसानों ने बढ़े हुए समर्थन मूल्य का इंतजार करके अपनी फसल की बिक्री की है. जहां तक रायपुर संभाग की बात है तो यहां इस साल 4 लाख 84 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है.
प्रदेशभर में इस बार करीब 17 लाख किसानों ने धान बेचा है. धान की बंपर आवक से जहां हर ओर खुशी है वहीं खरीदी केंद्रों से समय रहते इस धान के उठाओ और इसे संग्रहित करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है.
बंपर धान खरीदी के बारे में क्या कहते हैं किसान संघ के नेता
इस बार प्रदेश में हुई बंपर धान खरीदी के बारे में किसान संघ के नेताओं की अलग-अलग राय है. कुछ का कहना है कि धान का समर्थन मूल्य बढ़ा है और चुनावी घोषणा पत्र में किसान के हितों में कर्ज माफी जैसे कई कारण हैं, जिसके कारण प्रदेश में धान की बंपर खरीदी हुई है.
किसान संघ के नेता का क्या है कहना
एक अन्य किसान संघ के नेता इसके उलट जवाब दे रहे हैं. उनका कहना है कि महाराष्ट्र झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों के व्यापारियों ने अधिकारियों से मिलीभगत कर छत्तीसगढ़ में अपना धान खरीदी केंद्रों में बेचा है, जिसके कारण प्रदेश में बंपर धान की खरीदी हुई है.