रायपुर: विधानसभा में मानसून सत्र के चौथे दिन सदन में 'जय-वीरू' जोड़ी चर्चा का विषय रही. सदन के भीतर उस वक्त विपक्षी सदस्यों की टिप्पणी गूंज उठी, जब मंत्री टीएस सिंहदेव CM भूपेश बघेल के पास चर्चा के लिए पहुंचे. इसे देख विपक्षी सदस्यों ने चुटकी भरे अंदाज में कहा कि यह 'जय वीरू' की जोड़ी है.
इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा 'जय वीरू' की जोड़ी तो ठीक है, लेकिन पहले ये बताइये कि 'कालिया' और 'सांभा' कौन है? इस पर विपक्षी खेमे से पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा मुख्यमंत्री और स्वास्थ्यमंत्री आखिर बंद कमरे में चर्चा क्यों नहीं करते? सदन में भी दोनों के बीच कांच की दीवार है.
इस टिप्पणी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोबारा तंज भरे अंदाज में कहा पहले आप ये बताई कि कालिया-सांभा कौन है? इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब देते हुये कहा कि रविंद्र चौबे हैं. इसके बाद टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल सदन से बाहर चले गए.
तीसरे दिन छाया रहा विधायक बृहस्पति सिंह और मंत्री सिंहदेव का मामला
मानसून सत्र के तीसरे दिन दिनभर विधायक बृहस्पति सिंह और मंत्री सिंहदेव का मामला सदन में गूंजता रहा. विपक्ष ने इसे लेकर काफी हंगामा किया. ये कहा कि जब मंत्री भी जवाब देने के लिए सदन में नहीं है तो सदन चलने का कोई औचित्य ही नहीं है. काफी देर बाद टीएस सिंहदेव विधानसभा के लिए रवाना हुए. विधायक बृहस्पति सिंह (MLA Brihaspati Singh) के अपने बयान पर खेद जताने के बाद टीएस सिंहदेव ने भी अपने गिले-शिकवे खत्म कर लिए. उन्होंने कहा कि अगर भावावेश में किसी को ठेस पहुंची है, तो क्षमा करें. इधर इसके पहले बृहस्पति सिंह ने भी अपने बयान पर अफसोस जताते हुए कहा था कि उन्होंने भावुकतावश बयान दे दिया था.