रायपुर:भूपेश कैबिनेट में नई नक्सल नीति को मंजूरी दे दी गई है. इस नीति में कई प्रावधान हैं. क्या इस नई नक्सल नीति से प्रदेश में मौजूद नक्सल गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी? क्या प्रदेश में नक्सल समस्या का समाधान हो पाएगा? आखिर यह नई नक्सल नीति कितनी कारगर साबित होगी? इन सभी सवालों के जवाब के लिए ईटीवी भारत ने नक्सल एक्सपर्ट वर्णिका शर्मा से बात की. आइए जानते हैं छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों पर रोक और नई नक्सल नीति को लेकर हैं उन्होंने क्या कहा
बघेल सरकार ने बनाई नई नक्सल नीति: नक्सल एक्सपर्ट वर्णिका शर्मा कहती हैं कि "छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार ने नई नक्सल नीति बनाई है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इसमें आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के साथ ही शहीदों के परिवार और नक्सल पीड़ित लोगों के लिए भी कई सुविधाएं जोड़ी गई है. यदि यह नई नीति सफल रही तो सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में प्रदेश से लाल आतंक का खात्म हो जाएगा."
नई नक्सल नीति में सभी वर्गों का विशेष ख्याल:छत्तीसगढ़ सरकार की नई नक्सल नीति को लेकर नक्सल एक्सपर्ट वर्णिका शर्मा का कहना है कि "नक्सल नीति की जैसे घोषणा हुई, इससे बहुत अच्छा लग रहा है. ये सरकार की तरफ से की गई बेहतरीन पहल है. सरकार ने जो नीतियां बनाई है वो वास्तव में अच्छी है. आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी अच्छी पहल है."
कैसे होगी योजना सफल: वर्णिका शर्मा ने कहा कि "किसी भी मोर्चे पर लड़ने की दो तकनीक होती है. एक आक्रामक तरीके से और दूसरा सुरक्षात्मक तरीके से. इस सरकार ने सुरक्षा वाले मुद्दे को उठाकर एक अच्छी पहल की है. लेकिन यह बिल्कुल उस तरीके का है. जैसे नगर निगम की नल लगने की घोषणा कर दी जाए. बात तब सार्थक होगी, जब नल में पानी आएगा और पानी का प्रसार घर-घर तक हो जाएगा. कहने का मतलब योजना बहुत अच्छी बनी है. "