छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Naxal violence कांकेर के छोटे बेठिया में IED ब्लास्ट का मामला, इलाज के दौरान बीएसएफ का जवान शहीद, सोमवार को हुई थी घटना

कांकेर में नक्सलियों के लगाए IED बम की चपेट में आने से सोमवार को 1 जवान जख्मी हो गया था. जख्मी जवान ने मगंलवार को इलाज के दौरान रायपुर के नारायणा अस्पताल में दम तोड़ दिया. शहीद हुआ जवान बीएसएफ की 94वीं बटालियन में तैनात था. घटना के वक्त जवान पोलिंग पार्टी के साथ मतदान केंद्र पर जा रहा था. Naxal violence in Chhattisgarh elections

2 BSF soldiers martyred
बीएसएफ का जवान शहीद

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 7, 2023, 9:42 PM IST

रायपुर: माओवादियों के लगाए IED की चपेट में आने से सोमवार को बीएसएफ का 1 जवान जख्मी हो गया था. जख्मी जवान ने मंगलवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. शहीद जवान सोमवार को पोलिंग पार्टी के साथ मतदान केंद्र पर जा रहा था, तभी माओवादियों के लगाए बम की चपेट में आ गया. जवान को बेहतर इलाज के लिए तुरंत हेलिकॉप्टर के जरिए रायपुर के नारायणा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

BSF जवान शहीद: माओवादियों के लगाए एंबुश की चपेट में आने से 1 जवान शहीद हो गया. शहीद हुए जवान का नाम प्रकाश चंद्र शिओल था और वो ओडिशा के बालेश्रवर का रहने वाला था. शहीद जवान बीएसएफ की 94वीं बटालियन में तैनात था. जवान के शहीद होने की खबर खुद कांकेर एसपी दिव्यांग पटेल ने मीडिया को दी. ये कोई पहला मौका नहीं है जब माओवादियों ने ये खूनी खेल खेला हो. चुनाव के दौरान माओवादियों अक्सर जवानों को निशाना बनाने के लिए जमीन के नीचे बम लगा देते हैं और जब जवान वहां से गुजरते हैं तो विस्फोट कर देते हैं.

बस्तर में पहले फेज के चुनाव में नक्सली हिंसा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा में मुठभेड़, दंतेवाड़ा में आईईडी बरामद
IED Blast In Chhattisgarh सुकमा में आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ कमांडो घायल
छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले नक्सली वारदात, कांकेर और नारायणपुर में आईईडी ब्लास्ट, दो जवान और दो मतदानकर्मी घायल

नक्सलियों का खूनी खेल:दशकों से बस्तर में बिना हिंसा के चुनाव कराना चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी समस्या रहा है. जवानों की ज्यादा संख्या में तैनाती से नक्सली वारदातों में जरूर बीते कुछ सालों में कमी आई है. इस बार भी बस्तर की 12 सीटों पर चुनाव के दौरान नक्सली वारदातों को रोकने के लिए 40 हजार जवानों की तैनाती गई थी. तमाम सुरक्षा के इंतजाम होने के बाद भी इस बार नक्सली जवानों को निशाना बनाने में कामयाब रहे जिसे इंटेलिजेंस की नाकामी भी मान सकते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details