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Navratri 2023: क्या आप शारदीय नवरात्रि में करना चाहते हैं घटस्थापना, अभिजीत मुहूर्त कब है? जानिए - घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त

Navratri 2023 इस साल शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है. पूरे साल में चार नवरात्रि होती है, जिसमें से 2 नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है और 2 नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. Ghatasthapana in Shardiya Navratri

Shardiya Navratri 2023
शारदीय नवरात्रि 2023

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 11, 2023, 6:10 AM IST

नवरात्रि में घटस्थापना करने की पूरी विधि

रायपुर:इस साल 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व शुरू होने जा रहा है. नवरात्रि का यह पावन पर 23 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. अगले दिन 25 अक्टूबर को विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा. नवरात्रि के पहले दिन 15 अक्टूबर को घटस्थापना किया जाएगा. घटस्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त को शुभ माना जाता है. आईए जानते हैं घटस्थापना का अभिजीत और शुभ मुहूर्त कौन सा है.

कब रहेगा घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त?:ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, "15 अक्टूबर से नवरात्रि का पावन पर्व शुरू होने वाला है और 23 अक्टूबर को नवमी है. जिसके बाद 24 अक्टूबर को विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा. 15 अक्टूबर रविवार के दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:30 से 8:47 तक है.

"अनुष्ठान और कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:48 से 12:36 तक रहेगा. यह समय घटस्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त के नाम से माना गया है." - प्रिया शरण त्रिपाठी, ज्योतिष एवं वास्तुविद

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जानिए घटस्थापना करने की पूरी विधि:

  • सबसे पहले मिट्टी के एक बड़े पात्र में थोड़ी सी साफ मिट्टी डालने और उसमें जौ के बीच डाल दें. इसके बाद उसके ऊपर थोड़ा सा जल छिड़क दें.
  • कलश पर मौली धागा बांधने के साथ ही पीला चावल के साथ तिलक लगाएं.
  • कलश में थोड़ा पानी डालकर गंगाजल मिलाएं.
  • कलश के जल में सुपारी, दूब, अक्षत के साथ एक या दो रुपए का सिक्का भी डालना चाहिए.
  • कलश में पांच आम के पत्तों की एक टहनी रखनी चाहिए.
  • आम पत्तों के उपर एक नारियल को लाल कपड़े या चुन्नी में लपेटकर कुछ पैसे बांधकर कलश पर रखना चाहिए.
  • जमीन को अच्छे से साफ करके सबसे पहले मिट्टी के जिस बर्तन में जौ बोये हैं, उसे रख दें. इसके बाद उस पर कलश की स्थापना करें.
  • अंत में सभी देवी देवताओं का ध्यान करते हुए अपनी पूजा की शुरुआत करें.

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