Uniform Civil Code: मेरे खिलाफ यूसीसी को लेकर फैलाई जा रही भ्रामक जानकारी, नहीं किया यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन- नंद कुमार साय - Nandkumar Sai hit back on his statement
Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर दिए अपने बयान से कांग्रेस नेता नंदकुमार साय पलटते हुए नजर आ रहे हैं. साय ने कहा कि ना ही मैंने कोई समर्थन किया है ना ही उसका विरोध किया है. Nandkumar Sai hit back on his statement
यूनिफॉर्म सिविल कोड
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Published : Jul 10, 2023, 11:01 AM IST
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Updated : Jul 10, 2023, 11:58 AM IST
नंदकुमार साय का यूसीसी पर पलटवार
रायपुर:धमतरी में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने पर किसी को नुकसान नहीं होने की बात कहने वाले नंदकुमार साय अपने बयान से पलट गए हैं. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ यूसीसी के समर्थन को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है.
साय ने कहा कि मैंने कभी भी यूसीसी का ना तो समर्थन किया है ना ही कोई विरोध किया है. यूसीसी को लेकर मेरे नाम से यह फैलाया जा रहा है कि, मैंने इसका समर्थन किया है, जबकि मैंने ना तो इसका समर्थन किया है और ना ही विरोध किया है. यह बात पूरी तरह से गलत है.मैं इसका खंडन करता हूं.
यूसीसी पर मैंने कोई अभिमत नहीं दिया है. मैंने यह कहा था कि इस पर सभी के विचार आमंत्रित किया जाए. इस विषय को जब तक देखा नहीं जाएगा, जब तक हम समझ नहीं लेते अपना अभिमत कैसे दे सकते हैं. इसे लेकर मेरे नाम से कई बातें प्रसारित की जा रही है कि मैंने इसका समर्थन किया है या फिर अभिमत दिया है. जो भी लोग यह बातें कह रहे हैं वह पूरी तरह से गलत कह रहे हैं. नंदकुमार साय, कांग्रेस नेता
नंद कुमार साय ने यूसीसी पर क्या कहा था:यूसीसी को लेकर साय ने धमतरी में कहा था कि समान नागरिक संहिता को सभी लोगों को समझने की जरूरत है. एक सामान्य नीतियां सभी के लिए समान रूप से हो, सबके लिए एक समान हो तो इससे किसी को नुकसान तो नहीं होना चाहिए, लेकिन सबको समझना है. इसके आने से कोई नुकसान किसी को नहीं होगा.
क्या है यूसीसी: यूनिफॉर्म सिविल कोड, यानी भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए एक समान कानून. चाहे वह व्यक्ति किसी भी जाति या धर्म का क्यों ना हो. यूसीसी लागू होने पर अगर अपराध एक जैसे होंगे, तो सजा भी एक जैसी मिलेगी. अभी तलाक, विवाह, गोद लेने के नियम और संपत्ति विरासत पर धर्म के हिसाब से कानून है. मुस्लिम समाज में शरिया के आधार पर यह तय किया जाता है. उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बना रखे हैं.हालांकि, हमारे संविधान के अनुच्छेद 44 में उल्लिखित है कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून हो. क्रिमिनल मामलों में एक जैसे कानून लागू होते हैं, लेकिन सिविल मामलों में अलग-अलग कानून हैं. इसी दोहरापन को समाप्त करने को लेकर बात चल रही है.