रायपुर: छत्तीसगढ़ में मोबाइल चिकित्सा योजना के तहत घायल और बीमार गोवंश का मौके पर उपचार करने के अतिरिक्त उन्हें वेटनरी अस्पतालों और गोठानों तक पहुंचाने की भी तैयारी है. चरणबद्ध ढंग से इस योजना का विस्तार किया जाएगा. इस योजना को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने पशु चिकित्सा विभाग के ओएसडी डॉ मौसम मेहरा से खास बातचीत की है. आइए जानते हैं मवेशियों के इलाज के लिए मोबाइल वेटनरी वैन कैसे काम करेगी और इसमें किस तरह की सुविधाएं उपलब्ध रहेगी. Mobile Veterinary Van facility in Chhattisgarh
जल्द मिलेगी छत्तीसगढ़ में मोबाइल वेटनरी वैन सुविधा जानिए योजना के बारे में:पशु चिकित्सा विभाग ओएसडी डॉ मौसम मेहरा ने बताया कि "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की थी की गोवंश मोबाइल वेटनरी योजना शुरू करेंगे. इसी के तहत योजना की शुरुआत की जा रही है. जिसमें नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के तहत जिन गोठानों का संचालन हो रहा है, वहां की गायों को चिकित्सा सुविधा पहुंचाने का काम किया जा सके. इसमें गौठान के पशु नस्ल का सुधार, टीकाकरण और डायग्नोस्टिक का काम भी यह वैन सीधे गौठानों में जाकर करेगी. हर विकासखंड में एक गाड़ी चलाने की कोशिश की जा रही है. वर्तमान में यह योजना प्रस्तावित है. दो तीन माह के भीतर कुल 163 गाड़ियां पूरे प्रदेश में दौड़नी शुरू हो जाएगी.''
कैसे पहुंचेगी वैन, कितनी टीमें रहेगी: हर गाड़ी में एक डॉक्टर, एक पैरा बेड, ड्राइवर कम अटेंडेंट रहेंगे. इसके लिए एक फिक्स रूट रहेगा. जिस तरह मुख्यमंत्री स्लम योजना चल रही है, स्वास्थ्य योजनाओं की गाड़ियां लोगों के घरों तक पहुंचती है. उसी तरह से यह गाड़ियां भी फिक्स रूट में गौठानों पर पहुंचेंगी. एक दिन में एक गाड़ी दो से तीन गौठानों को कवर करेगी और उस गौठान में जो भी मवेशी रहेंगे, उन्हें सभी प्रकार का लाभ इस गाड़ी से मिलेगा.
मवेशी हेल्पलाइन नंबर 1962 की सुविधा जल्द मिलेगी यह भी पढ़ें:GPS on Pahari Maina: छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना पर जीपीएस लगाने की तैयारी
वैन में किस तरह की रहेगी सुविधा: इसमें एक कोल्ड कैबिनेट है. इसे छोटा फ्रिज भी कह सकते हैं. हाथ धोने के लिए वास बेशिन है. स्टेलाइजर है. इन सभी के सपोर्ट के लिए बैटरी के साथ इन्वर्टर की भी सुविधाएं हैं. साथ ही दवाइयां भी रहेगी. इसके अलावा मवेशियों को बांधने समेत दूसरे सामानों को रखने का स्टोरेज भी रहेगा. डायग्नोस्टिक की भी सुविधा है. ब्लड सैम्पल के लिए माइक्रोस्कोप की भी सुविधा है.
पशुओं को मिलेगा बेहतर इलाज 163 ब्लॉकों में दौड़ेगी वैन: अभी यह शुरुआत है. एक ब्लॉक में एक गाड़ी शुरू हो रही है. इस तरह से प्रदेश के 163 ब्लॉक में 163 गाड़ियां चलेंगी. फिलहाल शासन का मुख्य उद्देश्य यह है कि गौठानों में जितने जानवर आ रहे हैं, उनको हम कैसे सुविधा उपलब्ध करा सकें. दुर्घटना के लिए डॉक्टर्स की टीम है या हॉस्पिटल रहते हैं. इसके लिए 1962 कॉल सेंटर जुड़ जाएगा. कॉल सेंटर से बताएंगे तो वह संबंधित इलाके के आसपास के डॉक्टरों को इनफॉर्म करेंगे. वह तुरंत वहां पहुंच जाएंगे. जब धीरे धीरे गाड़ियों की संख्या एक ब्लॉक में एक से अधिक हो जाएगी, तब यह सभी जगह पहुंच सकती है. वर्तमान में ऑन कॉल पहुंचना संभव नहीं हो पाएगा. क्योंकि एक ब्लॉक में डेढ़ सौ से 200 गांव हैं. Mobile Veterinary Van facility in Chhattisgarh
कॉल सेंटर में इतने कर्मचारी:पशु चिकित्सा विभाग ओएसडी डॉ मौसम मेहरा ने बताया कि ''डायल1962 के लिए कॉल सेंटर तैयार किया जायेगा. कॉल सेंटर आठ से 10 सीट का होगा. जिसमें 10 तो हमारे एग्जीक्यूटर रहेंगे. 2 डॉक्टर रहेंगे और यह सातों दिन खुला रहेगा. यह गाड़ियां भी सुबह से लेकर शाम तक वर्क करेगी.''