रायपुर: छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भारत-चीन सीमा पर शहीद हुए छत्तीसगढ़ के जवान गणेश कुंजाम को श्रद्धांजलि दी है. दोनों मंत्रियों ने ट्वीट कर गणेश कुंजाम की शहादत को नमन किया.
बता दें, भारत-चीन सीमा पर सोमवार की रात हुई झड़प में 20 जवान शहीद हो गए. इसमें छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का एक जवान भी शामिल है. कांकेर के चारामा ब्लॉक के कुररूटोला ग्राम पंचायत के गिधाली गांव का रहने वाला जवान गणेश कुंजाम इस झड़प में शहीद हो गए. जिसके बाद उनके गांव में मातम पसरा हुआ है.
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने ट्वीट कर लिखा #galwanvalleyclash में शहीद हुए चारामा के ग्राम कुरुटोला के वीर सैनिक श्री गणेश कुंजाम को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.आपकी शहादत को कोटि-कोटि नमन. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिवारजनों को दुःख की इस घड़ी में शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति.
वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी ट्वीट कर दुख जताया. उन्होंने लिखा- छत्तीसगढ़ के कांकेर के श्री गणेश राम कुंजम को मेरी श्रद्धांजलि, जिन्होंने हमारे देश की रक्षा करने वाले हमारे 20 बहादुर सैनिकों के साथ लद्दाख में सर्वोच्च बलिदान दिया. दुख की इस घड़ी में मेरे विचार उनके परिवारों के साथ हैं.
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लद्दाख के 17 हजार फीट ऊंची गलवान घाटी पर सोमवार की रात भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें सेना के एक अफसर समेत 3 जवानों के शहीद होने की पुष्टि हुई थी. लेकिन देर रात 17 और जवानों के शहीद होने की खबर आई, जिसमें कांकेर जिले का जवान गणेश कुंजाम भी शामिल है. हालांकि प्रशासन और पुलिस को अब तक जवान के शहीद होने की सूचना नहीं मिली है. कांकेर पुलिस ने जवान के गांव के लिए टीम रवाना की है, ताकि सेना से आए फोन के बारे में जानकारी ली जा सके.
2011 में ज्वाइन की थी आर्मी
गणेश कुंजाम ने 2011 में सेना ज्वॉइन की थी. एक महीने पहले ही उसकी चीन बॉर्डर पर तैनाती हुई थी. चाचा ने बताया कि मंगलवार शाम उन्हें फोन आया और गणेश की शहीद होने की जानकारी दी मिली. गणेश दो बहनों का एकलौता भाई था. शहादत की खबर के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है और परिवार का बुरा हाल है.
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45 साल बाद भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़प हुई है. 20 जवान शहीद हुए हैं. इनकी संख्या बढ़ सकती है. सूत्रों के अनुसार चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं. एलएसी पर तनाव बरकरार है. हालांकि, दोनों पक्षों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर वार्ता जारी है. अमेरिकन मीडिया ने दावा किया है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को उकसाया, इसके बाद हिंसा भड़क गई. भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा है कि एलएसी पर गोलीबारी नहीं हुई है. हमले में पत्थरों और रोड का इस्तेमाल किया गया था.
1967 के बाद बड़ा टकराव
वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है. उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे. इस क्षेत्र में दोनों तरफ नुकसान ऐसे वक्त हुआ है जब सरकार का ध्यान कोविड-19 संकट से निपटने पर लगा हुआ है.