रायपुर: पेगासस के जासूसी स्पाइवेयर के इस्तेमाल की खबरों ने सड़क से लेकर संसद तक बवाल मचा रखा है. देश में पत्रकारों, राजनेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत 300 से अधिक लोगों पर जासूसी करने को लेकर कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की है. संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा पार्लियामेंट (sansad) में हमारी पार्टी का रुख आ गया है. हमारी पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग की है.
इस्तीफा दे गृहमंत्री अमित शाह- मंत्री रविंद्र चौबे मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री से आग्रह है मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए, लोकतंत्र में अपने खुद के लोगों की भी जासूसी करवाई गई है. जिस तरह से नाम सामने आ रहे हैं जिनमें मंत्री प्रहलाद पटेल की भी जासूसी करवाई गई है. लेकिन सबसे दुर्भाग्यजनक पहलू यह है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का नाम भी सामने आया है, उनकी भी जासूसी करवाई गई है. ऐसा काम करने पर सरकार को इस्तीफा देना चाहिए.
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मंत्री ने कहा कि धीरे- धीरे परते खुलने लगेंगी. अभी बहुत से मीडिया हाउसेस की भी जासूसी करवाई गई है. सर्वाधिक प्रताड़ित और प्रभावित तो राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार हैं, अभी इसमें बहुत सी बातें सामने आनी है.
क्या है पेगासस स्पाइवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाइवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी NSO ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे IOS या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रेकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.
संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाइवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका वीडियो बनता रहेगा. इस स्पाइवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.
कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .