रायपुर:वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने व्यावसायिक और गैर-व्यावसायिक स्नातक कोर्स के लिए छात्रवृत्ति योजना के तहत भुगतान किया. मंत्री ने 907 छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में 45 लाख 30 हजार रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया. यह राशि तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा लागू योजना के तहत दी गई है.
तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के हितों में योजना
मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के हितों का पूरा-पूरा ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण दर की राशि बढ़ाने से जहां एक ओर संग्राहकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और रोजगार के साधन भी उपलब्ध हुए हैं. वहीं दूसरी ओर विभिन्न योजनाओं के जरिए तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को मेघावी छात्र-छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए भरपूर प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है.
अनुदान देने की योजना लागू
उन्होंने बताया कि राज्य में इसके तहत तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों के मेघावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार, प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और व्यावसायिक कोर्स के लए छात्रवृत्ति और गैर व्यावसायिक स्नातक कोर्स के लिए अनुदान देने की योजना लागू है.
पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर संयुक्त मोर्चा का प्रदर्शन
व्यासायिक कोर्स के लिए 25 हजार की राशि
व्यावसायिक कोर्स के लिए छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत हर प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति में हर साल एक विद्यार्थी, जिसने किसी भी व्यावसायिक कोर्स जैसे- इंजीनियरिंग, मेडिकल, विधि (लॉ), एमबीए या नर्सिंग में प्रवेश लिया हो, जिस कोर्स के प्रवेश के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 12वीं हो, उसका चयन इस छात्रवृत्ति के लिए किया जाता है. इसके तहत पहले साल में 10 हजार रुपये, दूसरे और इसके बाद के सालो में 5 हजार रुपये हर साल अधिकतम कुल 4 वर्षाें तक 25 हजार रुपये की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाती है.
गैर-व्यावसायिक स्नातक कोर्स के लिए 12 हजार की राशि
इसी तरह गैर-व्यावसायिक स्नातक कोर्स के लिए अनुदान योजना के तहत हर प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति क्षेत्र के अंतर्गत हर साल एक छात्र और एक छात्रा, जिसने किसी भी राज्य शासन-केन्द्र शासन द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्था में किसी गैर-व्यावसायिक स्नातक कोर्स जैसे- बीए, बीकॉम, बीएससी आदि स्नातक कोर्स में प्रवेश लिया हो. उसको कोर्स के प्रथम वर्ष में 5 हजार रुपये, दूसरे साल में 4 हजार रुपये और तीन साल में 3 हजार रुपये, यानी तीन साल में कुल 12 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाती है.