छत्तीसगढ़ के कई जिलों में अगले 24 से 48 घंटे भारी बारिश का अलर्ट - रायपुर का मौसम
राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष की तरफ से छत्तीसगढ में 1 जून से 8 जुलाई तक बारिश के आंकड़े बताए गए हैं. इसके मुताबिक प्रदेश में अब तक 330 मिमी औसत बारिश दर्ज की जा चुकी है. सबसे ज्यादा सुकमा जिले में 552.8 मिमी और दंतेवाड़ा जिले में सबसे कम 213.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है.
छत्तीसगढ़ में मानसून
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Published : Jul 9, 2021, 7:50 AM IST
रायपुर:कुछ दिनों के ब्रेक के बाद छत्तीसगढ़ में मानसून ने एक बार फिर अपनी रफ्तार पकड़ ली है.राजधानी के लालपुर स्थित मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने इस दौरान प्रदेश के कई जिलों में गरज चमक के साथ भारी बारिश (Heavy rain ) की चेतावनी जारी की है. राजधानी में गुरुवार सुबह से ही बादल छाए रहे. रुक-रुककर हल्की बूंदाबांदी भी देखने को मिली. इससे पहले बुधवार शाम भी राजधानी में लगभग डेढ़ घंटे तक झमाझम बारिश हुई.
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में येलो अलर्ट
मौसम विभाग (Meteorological Department Lalpur) ने 24 घंटे के लिए प्रदेश के बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर, रायपुर, बलौदाबाजार, दुर्ग, राजनादगांव महासमुंद, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, सुकमा के लिए येलो अलर्ट (Yellow Alert )जारी किया है. बीजापुर जिलों के एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना जताई है.
अगले 48 घंटों के लिए येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने 48 घंटे के लिए भी प्रदेश के अधिकांश जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है. इनमें जांजगीर, बस्तर, कोंडागांव, कांकेर और नारायणपुर है. इन जिलों में एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है.
मौसम विभाग ने 48 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) भी जारी किया है. जिसमें प्रदेश के जशपुर, रायगढ़ और कोरबा जिले के एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी वर्षा की संभावना जताई है.
चक्रवाती घेरा का असर
मौसम विभाग के मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा (Meteorologist HP Chandra) ने बताया कि एक चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे तटीय ओडिशा और तटीय पश्चिम बंगाल के ऊपर 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. एक द्रोणिका पंजाब से उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक हरियाणा, दक्षिण उत्तर प्रदेश, दक्षिण पश्चिम बिहार, झारखंड और गेंगटोक, पश्चिम बंगाल होते हुए मध्य समुद्र तल पर स्थित है. दूसरा चक्रवाती घेरा उत्तर पूर्व उत्तर प्रदेश के ऊपर 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. एक द्रोणिका उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल से दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश तक 3.1 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है. जिसके प्रभाव से प्रदेश के कुछ जिलों में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है.