रायपुर: भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव को लेकर देशवासी चाइनीज सामान के बहिष्कार के लिए मुखर हो रहे हैं. लोग चीन के समान पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर चीन ने यहां जैसा साम्राज्य फैला रखा है, उसे देखते हुए पाबंदी लगाना इतना आसान नहीं है. बात छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम एसेसरीज, ऑटोमोबाइल, होम एप्लाइंसेस जैसे तमाम सेक्टर में चीनी बाजार का दखल हद से ज्यादा है. इसे लेकर ETV भारत की टीम ने बाजार के विशेषज्ञों से पड़ताल की है. वह भी मानते हैं कि चाइना के वर्चस्व को खत्म करना इतना आसान नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे उनके प्रभाव को कम किया जा सकता है.
भारत-चीन फैक्ट फाइल
- भारत में हर साल चीन से सवा पांच लाख करोड़ के सामान का आयात होता है.
- छत्तीसगढ़ में चीन के सामानों का व्यापार हर महीने करीब 350 करोड़ का है.
- हर सेक्टर में चीन के रॉ मटेरियल का स्थापत्य है, यही वजह है कि चीन के उत्पादों पर बैन लगाना संभव नहीं है.
- छत्तीसगढ़ में ही इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, एसेसरीज, आटोमोबाइल, होम एम्प्लॉयसेन्स जैसे तमाम सेक्टर में चीन के रॉ मटेरियल का इस्तेमाल होता है.
- राष्ट्रीय स्तर पर 'भारतीय सामान, हमारा अभियान' चलाकर देश भर में स्थानीय उत्पादों को प्रमोट करने का अभियान चलाया जा रहा है.
- दिसंबर 2021 तक चीन से 13 बिलियन डालर यानी लगभग एक लाख करोड़ के आयात को कम करने का संकल्प लिया गया है.
- पहले चरण में फिनिश आइटम को बंद करने का फैसला लिया गया है.
'चीन से आए FINISHED GOODS को बंद करने का फैसला'
देश में हर साल चाइना से सवा पांच लाख करोड़ का सामान आता है. बिजनेस एक्सपर्ट्स से चर्चा करने पर ये बात सामने आई कि छत्तीसगढ़ में ही चीन के आइटम का व्यापार हर महीने करीब 350 करोड़ का है. हर क्षेत्र में चीन के सामानों की फेहरिस्त है. देश के राष्ट्रीय व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवनी कहते हैं कि कैट की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर चीनी समान के बहिष्कार के लिए लगातार कैंपेन चलाया जा रहा है. जिसे देश के तमाम बड़े लोग सपोर्ट कर रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर इस आंदोलन को 'भारतीय सामान हमारा अभियान' चलाकर देश भर में स्थानीय उत्पादों को प्रमोट करने का अभियान चलाया जा रहा है. वे कहते हैं कि कैट ने दिसंबर 2021 तक चीन से आयात को 13 बिलियन डालर यानी लगभग एक लाख करोड़ के आयात को कम करने का संकल्प लिया है. इसमें पहले चरण में फिनिश आइटम को पहले बन्द करने का फैसला किया गया है.
'ज्यादातर कारोबार सेक्टर चीन पर निर्भर'
छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो ज्यादातर कारोबार सेक्टर में किसी न किसी तरह से चीन का दखल है. चीन से कई तरह के कच्चे और पक्के माल आते हैं. जिसे लाकर यहां असेंबल किया जाता है. प्रदेश में मोबाइल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर पूरी तरह चीन के बाजार पर निर्भर हैं. हालांकि मोबाइल और टेलीकॉम से जुड़े हुए कारोबारी दिनेश सुंदरानी बताते हैं कि ज्यादातर मोबाइल कंपनियां मेक इन इंडिया यानी हमारे देश में ही पैकेजिंग के साथ काम कर रही हैं. भले ही इन सारी कंपनियों का थिंकटैंक चीन और उसके आसपास का हो.
दिनेश सुंदरानी कहते हैं कि व्यापारिक लिहाज से एक दिन में चीन मार्केट की निर्भरता को खत्म नहीं किया जा सकता है. इसके लिए स्थानीय बाजार को मजबूत बनाना बेहद जरुरी है. व्यापार के लिए हमें अपनी लाइन बड़ी करने की जरूरत है ना कि दूसरे की लाइन छोटी करने की.