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कांग्रेस के लिए महापौर का चुनाव हो सकता है टेढ़ी खीर

नगरीय निकाय चुनाव के मतदान में कुछ ही दिन बाकी है, उस पर ये बड़ा सवाल है कि महापौर का चेहरा कौन होगा. दोनों ही पार्टियां चुनाव परिणाम आने के बाद महापौर बनाने की बात कह रही हैं, लेकिन अब तक इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि किसे महापौर बनाया जाएगा.

Mayor's election for Congress may prove to be crooked
नगरीय निकाय चुनाव

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Published : Dec 12, 2019, 12:01 AM IST

रायपुर: नगरीय निकाय चुनाव के मतदान के लिए चंद दिन ही शेष रह गए हैं. ऐसे में सभी प्रत्याशियों ने युद्ध स्तर पर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है सभी पार्टियों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, लेकिन इस बीच एक सवाल यह उठता है कि आखिर इन प्रत्याशियों में से महापौर का चेहरा कौन होगा. दोनों ही पार्टियां चुनाव परिणाम आने के बाद महापौर बनाने की बात कह रही हैं, लेकिन अब तक इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि किसे महापौर बनाया जाएगा.

वर्तमान में रायपुर नगर निगम के महापौर प्रमोद दुबे हैं और वह इस चुनाव में भी भगवती चरण शुक्ल वार्ड से प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए हैं. ऐसे में यदि कांग्रेस के पार्षद नगर निगम में ज्यादा संख्या में जीतकर आते हैं, तो महापौर के लिए उनकी दावेदारी सबसे प्रबल मानी जा रही है. इनके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद ज्ञानेश शर्मा, नागभूषण राव, श्रीकुमार मेनन और जग्गू ठाकुर की भी महापौर पद की दावेदारी मानी जा रही है. इनके अलावा और भी कई नाम ऐसे हैं, जो इस महापौर की दौड़ में शामिल हैं.

इस बात को लेकर जब नगरीय निकाय मंत्री शिवकुमार डहरिया से सवाल किया गया,तो उनका कहना था कि निकाय चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम को लेकर ज्यादातर जगहों से एक नाम पर सहमति बनाई गई थी. उसी प्रकार महापौर के लिए भी एक नाम पर सहमति बनाई जाएगी

बता दें कि नगर निगम चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी करने में कांग्रेस को पसीने छूट गए थे. यहां तक कि कुछ जगहों पर कांग्रेस ने नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय तक उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की. रायपुर नगर निगम की सूची भी नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय के 3 घंटे पहले जारी की गई थी. क्योंकि कांग्रेस को डर था कि सूची जारी करने के बाद काफी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता निर्दलीय नामांकन दाखिल कर देते जिससे पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती थी. साथ ही पार्टी में उम्मीदवारों के चयन को लेकर कई जगह पर कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश भी देखा गया.


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