रायपुर:माता के कालरात्रि रूप की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन करने का विधान है. माता को धूम्रवर्ण, कालरात्रि आदि नामों से भी जाना जाता है. माता को देखकर दुष्ट प्रवृत्ति के लोग, असुर शक्तियां भयभीत होती हैं. सज्जनों को माता को देखकर अनुकूलता मिलती है. कालरात्रि देवी सज्जनों, विद्वानों और सकारात्मक लोगों की रक्षा करने वाली होती हैं. कालरात्रि सदा से ही मासूमों भक्तों और अपने अनुयायियों की रक्षा के लिए तत्पर रहती आई हैं.
दुर्गा सप्तशती के पाठ से मिलेगा लाभ:ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा के मुताबिक "माता कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए सप्तमी के शुभ दिन दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा, सिद्ध कुंजिका स्त्रोत, राम रक्षा स्त्रोत और दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. दुर्गा सप्तशती पढ़ने भी से आज के दिन विशेष लाभ होता है. मां कालरात्रि भक्तों को बहुत ही प्रिय हैं. भक्तवत्सल माता कालरात्रि अभय प्रदान करने वाली देवी मानी गई है और मां जगदंबे का ही रूप हैं. आज के शुभ दिन मृगशिरा नक्षत्र मंगलवार सौभाग्य योग, बवकरण मिथुन राशि का सुंदर संयोग बन रहा है. सर्वार्थसिद्धि और अहोरात्र योग भी बन रहे हैं."