रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीते 1 दिसंबर से धान खरीदी जारी है. इस बार बारदाने की कमी के बीच धान खरीदी शुरू हुई. राज्य में किसान लगातार बारदाने की कमी से जूझ रहे हैं. इस बीच गुरुवार को मार्कफेड की प्रबंध संचालक किरण कौशल ने कोलकाता में जूट कमिश्नर, भारत सरकार मलय चक्रवर्ती एवं डिप्टी डायरेक्टर, विपणन टी.के. मण्डल से मुलाकात की है. उन्होंने जूट कमिश्नर से 3.50 लाख बारदाने की मांग की है.
अब तक 26 लाख टन धान की हुई खरीदी
16 दिसंबर तक राज्य में कुल 26 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है. राज्य में प्रतिदिन औसतन 3 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा रहा है. खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में छ.ग. राज्य में 105 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन अनुमानित है. जिसके लिए लगभग 5.25 लाख गठान बारदानो की आवश्यकता होगी.
प्रबंध संचालक ने बताया कि 105 लाख मीट्रिक टन धान का अनुपातिक चावल सीएमआर जमा करने के लिए 2.83 लाख गठान बारदानों की आवश्यकता होगी. इसको ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ को कुल 3.50 लाख गठान नये जूट बारदानो की आवश्यकता है. राज्य ने अपनी यह मांग भारत सरकार के सामने रख दी है. 1.53 लाख बारदाने की संख्या को बढ़ाकर 2.14 लाख गठान तक किया गया है. 2.14 लाख गठान बारदानों की आपूर्ति के लिए विपणन संघ ने लगभग 800 करोड़ 53 लाख रूपये की राशि भी जूट कमिश्नर को मुहैया करा दी है. छत्तीसगढ़ को कुल 3.50 लाख गठान जूट बारदाने की जरूरत है. अब तक राज्य को 1.22 लाख गठान बारदाने मिले हैं. जूट कमिश्नर ने छत्तीसगढ़ की मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया है.