छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Nag Panchami 2021: नाग पंचमी के साथ-साथ होगी महालक्ष्मी की पूजा, जानिए कारण - नागपंचमी 2021

आज देशभर में नाग पंचमी और तक्षक पूजा का पर्व मनाया जा रहा है. यह पर्व महालक्ष्मी की स्थापना का भी पर्व माना गया है. इस दिन सभी कालसर्प के जातकों को नाग पूजा करना चाहिए.

Worship of Mahalakshmi with Nag Panchami
नाग पंचमी के साथ महालक्ष्मी की पूजा

By

Published : Aug 12, 2021, 3:38 PM IST

Updated : Aug 13, 2021, 6:57 AM IST

रायपुर: हस्त और चित्रा नक्षत्र के सुयोग में आज नाग पंचमी और तक्षक पूजा का पर्व मनाया जा रहा है. यह पर्व महालक्ष्मी की स्थापना का भी पर्व माना गया है. महालक्ष्मी की रक्षा के लिए अनेक नाग शिरोमणि अनवरत प्रयत्नशील रहते हैं. नाग पंचमी का त्यौहार काल सर्प वाले जातकों की पूजा के लिए विशेष स्थान रखता है. इस दिन जीवित सांपों की भी पूजा की जाती है. नागों के शिरोमणि भगवान महादेव हैं. श्रावण मास में पंचमी तिथि को शुक्ल पक्ष में यह महान पर्व मनाया जाता है. इस दिन साध्य अमृत योग और अमृत योग बन रहा है.

नाग पंचमी के साथ महालक्ष्मी की पूजा

नाग पंचमी का पर्व 12 अगस्त की दोपहर 3:24 से 13 अगस्त दोपहर 1:42 तक है. पूरे दिन नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा. विशेष मुहूर्त 13 अगस्त की सुबह 8:10 से सुबह 10:19 तक रहेगा. संपूर्ण दिन शिवालय में नाग देवता की पूजा अर्चना और साधना होती रहेगी.

विशेष ध्यान देने वाली बात यह है जल हरि से गिरने वाला जल दूध, गंगा जल और गन्ना रस आदि सभी पदार्थ नाग देवता के माध्यम से शिव तक पहुंचते हैं. आज के दिन नागों को प्रत्यक्ष दूध भी पिलाया जाता है. नाग देवता का अभिषेक दूध से करना बहुत पवित्र माना गया है. कई बार शुभ मिट्टी और आटे के पदार्थ से भी शिव का अभिषेक किया जाता है. आज के दिन मिट्टी अथवा आटे से भी सर्प बनाकर अभिषेक करना बहुत उचित रहता है.

नाग पंचमी पर लोगों ने किए स्वयंभू नाग देवता के दर्शन

श्रावण मास की पंचमी तक्षक पूजा के लिए विशेष प्रसिद्ध है. भगवान शिव की शेषनाग अवतार के साथ पूजा करना बहुत शुभ माना गया है. 12 तरह के कालसर्प योग माने जाते हैं. इस दिन सभी कालसर्प के जातकों को नाग पूजा करना चाहिए. इस दिन नाग स्रोत आदि का जाप करना शुभ माना गया है. शास्त्रों के मुताबिक आज के दिन किसी भी रूप में नाग आदि की हत्या से बचना चाहिए, अन्यथा घोर कष्ट देखने को मिलता है.

श्रावणी पंचमी के रूप में भी यह पर्व जाना जाता है. जहां कहीं भी वसुंधरा के मणिरत्न या बहुमूल्य धातु रहती है, उन मणियों की रक्षा के लिए भोलेनाथ के प्रिय भक्त सर्प देवता नाग देवता उस क्षेत्र में विराजमान रहते हैं. इसलिए यह दिन महालक्ष्मी की स्थापना और महालक्ष्मी के संरक्षण का भी दिवस माना गया है.

Last Updated : Aug 13, 2021, 6:57 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details