रायपुर:सप्ताह के सभी व्रतों में सोमवार व्रत (Somvar Vrat) को बेहद कल्याणकारी माना गया है. ये भगवान शिव (Lord Shiva) का व्रत है और इसे रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. शिव स्वभाव से भोले भंडारी कहे जाते हैं, इसीलिए उन्हें प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के निहितार्थ किए गए सोमवार के व्रत (Monday Fast) को सर्वसुखप्रदायी माना जाता है.
सोमवार भगवान शिव का दिन
सोमवार भगवान शिव का दिन होता है. इसलिए सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना होती है. सोमवार व्रत भी शिवजी को समर्पित है. भगवान शिव देवों के देव महादेव हैं. कहते हैं कि जगत का संहार करने वाले शिवजी अपने भक्तों से शीघ्र प्रसन्न हो जाते है. सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं. सोमवार व्रत मनचाहा वर पाने और वैवाहिक जीवन में सुख शांति के लिए रखा जाता है. जो भक्त सोमवार के दिन भगवान शिव को उनका प्रिय प्रसाद चढ़ाते हैं तो उनके ऊपर शिवजी की कृपा बरसती है.
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सोमवार व्रत विधि और नियम
नारद पुराण के अनुसार सोमवार व्रत में व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए. सोमवार के व्रत तीन प्रकार के है. साधारण प्रति सोमवार, सोम्य प्रदोष और सोलह सोमवार. विधि तीनों की एक जैसी होती है. अगर संभव हो तो व्रत वाले दिन शिव भगवान के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं. उसके बाद व्रत रखने का संकल्प लें. दिन में सुबह और शाम भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें. इस दिन पूजा करते समय व्रत कथा जरूर सुनें, क्योंकि इसके बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है. शाम को पूजा के बाद व्रत खोल लें. शास्त्रों के अनुसार सावन सोमवार व्रत में तीन पहर तक उपवास रखकर उसके बाद व्रत खोलना चाहिए, मतलब एक समय ही भोजन करना चाहिए.