रायपुरःराजधानी रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति (Bharatiya Janata Party Backward Classes For State Working Committee) की बैठक हुई. इसमें भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर के.लक्ष्मण, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे, सांसद सुनील सोनी, मोर्चा के प्रदेश अधिकारी और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे. छत्तीसगढ़ ओबीसी मोर्चा के प्रदेश स्तर पर प्रथम सत्र की बैठक के बाद मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर के.लक्ष्मण ने पत्रकारों के साथ प्रेस वार्ता की. भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर के.लक्ष्मण ने कहा कि अब तक कुल 4 बैठकें हो चुकी हैं. पूर्व की बैठकों में जेपी नड्डा की अध्यक्षता में भी दो बार मोर्चा की बैठक हो चुकी है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मोर्चा के ओबीसी वर्ग के लिए अहम निर्णय लिये गये हैं. गैर कांग्रेसी सरकार जब आई, तब जाकर इस वर्ग के लिए कार्य शुरू किया गया है.
मोदी ने ओबीसी का दुख समझा कांग्रेस शासन काल में कभी पिछड़ा वर्ग के हित के लिए कार्य नहीं किया गया. विपक्ष के नेता राजीव गांधी भी संसद में लगातार पिछड़े वर्ग के खिलाफ बोलते रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद आज सबसे ज्यादा लाभ पिछड़े वर्ग को ही हुआ है. लगभग 70 फीसदी पिछड़ा वर्ग नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लाभान्वित हुआ है. यहां तक कि मछुआरों तक के लिए अलग बजट का प्रावधान किया गया.
मोदी ने ओबीसी का दुख समझा
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश भर में 70,000 ओबीसी छात्रों को फायदा हुआ है. कांग्रेस आरक्षण के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करती है, लेकिन मोदी सरकार ने ओबीसी वर्ग के दुख को समझा है. यहां तक कि मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद 37 ओबीसी वर्ग के लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.
बोले के लक्ष्मण- ओबीसी आरक्षण के नाम पर लोगों को धोखा दे रही कांग्रेस
ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर के लक्ष्मण ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आरक्षण के नाम पर केवल नाटक और दिखावा करते हैं. कांग्रेस की सरकार ओबीसी आरक्षण के नाम पर लोगों को धोखा दे रही है. 27 फीसदी आरक्षण का दिखावा करती है, फिर अपने ही लोगों से कोर्ट में आपत्ति लग जाती है. कांग्रेस की सरकार ओबीसी हितेषी नहीं है
फिर से उठा ढाई-ढाई साल का मुद्दा
इधर, पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने कहा कि अभी कांग्रेस की आपस की जो राजनीति है, वह बिखर गई है. कांग्रेस का कलह अब बाहर आ गया है. विवाद इतना बढ़ता जा रहा है कि यह चरम सीमा तक पहुंच गया है. कहा जा रहा है कि वादा किया गया था ढाई साल में मुख्यमंत्री बदलने का, लेकिन दो ही लोग थे. जो चार लोग उस बैठक में थे, उसमें दो लोगों की बात ही नहीं हो रही है. उनका क्या होगा. मुझे लगता है कि कांग्रेस को यह तय करना है कि सेमीफाइनल है या यह फाइनल है. अंतिम रूप से अनिश्चितता के बादल कांग्रेस के अंदर ही हैं. निश्चित रूप से मुझे लगता है कि यह विषय कांग्रेस की आपसी फूट का नतीजा है.