रायपुर: रायपुर नगर निगम में रोजाना 165 एमएलडी सीवरेज निकलता है. लेकिन रायपुर शहर में निकलने वाले सीवरेज को बड़े-बड़े नालों से होकर बिना ट्रीटमेंट के शहर की जीवनदायिनी खारून नदी में छोड़ा जा रहा है. ऐसे में नगर निगम प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है.
रायपुर नगर निगम ने अब तक सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए संयंत्र नहीं लगाया है. जबकि राजधानी में रोजाना 165 एमएलडी सीवेज निकलता है. रायपुर शहर में कुल 17 बड़े नालों का पानी खारुन नदी में जा रहा है. जिसके चलते शहर की जीवनदायनी खारुन नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है.
स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी
शहर में ओपन ड्रेनेज होने के कारण और खारुन नदी में शहर से निकलने वाले लाखों लीटर सीवरेज छोड़ने पर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जाहिर की है. लोगों का कहना है कि शहर में खुली नालियां हैं और शहर का पूरा गंदा पानी खारून नदी में छोड़ा जाता है. ऐसे में कई बार दूषित जल पीने से भी लोगों के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ता है. कई बार पीलिया जैसी बीमारियों का प्रकोप भी शहर में देखा गया है. जिसकी वजह कहीं न कहीं सीवरेज का सही ढंग से ट्रीटमेंट नहीं होना भी है.
नालियों की नहीं सुधरी हालत
स्थानीय निवासी देवेंद्र कुमार का कहना है कि कोई भी नया महापौर बनकर आता है, सबसे पहले नालियों को तोड़ता है और बनाता है. लेकिन हम देखें कि जब से रायपुर डेवलपमेंट की ओर बढ़ रहा है, नालियों का सिस्टम वैसा ही बना हुआ है. बारिश में भी पानी भरने से नालियां जाम हो जाती है. लेकिन इसके लिए भी कोई बेहतर व्यवस्था नहीं की गई है. शहर की जीवनदायनी खारुन नदी की स्थिति बद से बदतर होते जा रही है. रायपुर नगर निगम को यह व्यवस्था करनी चाहिए जिससे दूषित जल को ट्रीटमेंट करने के बाद नदी में छोड़ा जाए.
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बरसात तक हो जाएगा काम: निगम आयुक्त
नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि रायपुर शहर से जितना भी सीवरेज निकल रहा है, उसके लिए चार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम जारी है. ये काम दिसंबर महीने तक पूरा होना था. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण काम पूरा नहीं हो पाया. फिलहाल 6 महीने एक्सटेंशन पर काम चल रहा है. बरसात के पहले ये काम पूरा हो जाएगा.