रायपुरः छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर कांग्रेस का कहना है कि इस पर एकदम से फैसला नहीं लिया जा सकता है. इधर प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सल्फी को शराब का विकल्प बताया है.
बस्तर बीयर के नाम से मशहूर सल्फी को सरकार अब शहरों में उपलब्ध कराने की तैयारी में है. मंत्री कवासी लखमा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए में सल्फी को शराब के विकल्प के तौर पर आजमाने की बात कही. एकदम से शराबंदी करने से लोगों पर पड़ने वाले इसके असर पर लखमा ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए सल्फी की व्यवस्था की जाएगी.
क्या है सल्फीसल्फी ताड़ परिवार का एक पुष्पधारी वृक्ष है. यह दक्षिण पूर्व एशिया में बहुतायत में पाया जाता है. मादक रस देने वाले इस वृक्ष को गोंडी में 'गोरगा' कहा जाता है. वहीं बस्तर के कुछ इलाकों में 'आकाश पानी' के नाम से जाना जाता है. एक दिन में करीब 20 लीटर तक मादक रस देने वाले इस पेड़ की बस्तर के ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान है. इसके एक पेड़ से साल में 6 से 7 माह तक मादक रस निकलता है.