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जाति मामले में कार्रवाई पर जोगी ने जताई आपत्ति, दिया संविधान का हवाला, सुनें दलील

जाति पर आये फैसले में एफआईआर दर्ज करने पर जोगी ने आपत्ति जताई है. जोगी का कहना है कि कानून बनने के पहले के सर्टीफिकेट पर कार्रवाई गलत है. उन्होंने अपने ऊपर हुई कार्रवाई को नियम के विरुद्ध बताया है.

जाति मामले में कार्रवाई पर जोगी ने जताई आपत्ति

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Published : Aug 30, 2019, 5:56 PM IST

रायपुर: JCCJ सुप्रीमो अजीत जोगी ने अपने खिलाफ हुई कार्रवाई पर जवाब दिया है. जोगी ने आरोप लगाया है कि एसटी-एससी, ओबीसी अधिनियम लागू होने के पहले के मामले में नियम के विरुद्ध जाकर केस दर्ज किया गया.

जोगी ने कार्रवाई पर जताई आपत्ति

जाति पर आये फैसले पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर जोगी ने आपत्ति जताई है. जोगी का कहना है कि 2013 में कानून बना इसलिए ये कानून 2013 के बाद के सर्टिफिकेट पर लागू होगा न कि उसके पहले के सर्टिफिकेट्स पर. उन्होंने कहा कि कानून बना 2013 में और 1986 में बने सर्टिफिकेट के मामले में एफआईआर दर्ज करा दी गई.

जाति मामले में कार्रवाई पर जोगी ने जताई आपत्ति

जोगी ने कहा नियम के विरुद्ध दर्ज किया मामला

जोगी ने अपने ऊपर हुई कार्रवाई पर संविधान के अनुच्छेद 20 का उल्लेख करते हुए कहा कि अनुच्छेद 20 के अनुसार यदि कोई अपराध कानून बनने के पहले हुआ हो तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं बनती.

संविधान पढ़ें मुख्यमंत्री भूपेश- जोगी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यदि भूपेश बघेल जी को मेरे प्रमाण पत्र गलत लगते हैं तो उन्हें शायद संविधान का सही ज्ञान नहीं है. उन्होंने संविधान की शपथ ली है लेकिन संभवत: संविधान ठीक से पढ़ा नहीं है. अपराध प्रॉसपैक्टिव होता है रेट्रोस्पेक्टिव नहीं होता. कानून बनने के बाद यदि उस कानून के अंतर्गत अपराध किया गया हो तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है. कानून बनने के पहले किए गए अपराध पर कार्रवाई नहीं की जा सकती.

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