रायपुर: मदर्स डे के मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर ज्योति जायसवाल से खास बातचीत की है. उन्होंने कोरोना संक्रमित माताओं और गर्भवती महिलाओं से संबंधित अहम जानकारी दी. कोरोना संक्रमित माताएं स्तनपान करा सकती है या नहीं. इस दौरान बच्चों की देखभाल किस तरह की जाए ? माताएं किस तरह की सावधानियां बरते ? इन सभी सवालों पर ईटीवी भारत की टीम ने डॉक्टर ज्योति जायसवाल से चर्चा की है.
डॉक्टर ज्योति जायसवाल से खास बातचीत सवाल-कोरोना संक्रमित मां अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती है या नहीं ?
जवाब- मां के दूध को अमृत समान माना गया है. मां का दूध बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाता है. मां का दूध बच्चे को कई बिमारियों से बचाता है. निश्चित ही कोरोना संक्रमित मां अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती है. रिसर्च में यही देखा गया है कि यदि बच्चे को मां का दूध ना दिया जाए तो वह दूसरी अन्य बीमारियों से ग्रसित हो सकता है. कोरोना संक्रमित मां अपने बच्चे को दूध पिला सकती है लेकिन उन्हें साफ-सफाई को पूरा ख्याल रखना होगा. सैनिटाइजेशन और मास्क को प्राथमिकता दें. स्तनपान से बच्चों में संक्रमण नहीं देखा गया है.
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सवाल- मां कोरोना संक्रमित हो तो बच्चे का लालन-पालन कैसे किया जाए ?
जवाब-85 फीसदी केस में ये बीमारी इतनी गंभीर नहीं होती कि मां अपना ख्याल ना रख सकें या बच्चे को स्तनपान ना करा सके. सिर्फ 15 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होती है. इस हालात में भी मां पूरी सावधानी के साथ बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा सकती है. सिर्फ 5 फीसदी केस होते हैं जिसमें मरीज बेहद गंभीर अवस्था में होता है. ऐसे में मां ब्रेस्टफीडिंग नहीं करा सकती है. वे बच्चों के लिए अटेंडेंट रख सकती है.
सवाल- मां कोरोना संक्रमित है तो उन्हें किस तरह कि सावधानियां बरतनी चाहिए ?
जवाब-जैसे अन्य कोरोना मरीज दिनचर्या अपना रहे हैं उसी तरह गर्भवती या स्तनपान कराने वाली माताओं को अपना ख्याल रखना चाहिए. शरीर में पानी की कमी ना होने देने. पानी की कमी से स्तनपान और पोषण की मात्रा में कमी हो सकती हैं. ऐसे में माताओं को इसका ध्यान रखना चाहिए. कई मरीजों को इसलिए भी दिक्कतें हो रही है कि उन्हें खाने-पीने की इच्छा नहीं हो रही है और वे खाना नहीं खा रहें हैं. इसके लिए डीप ब्रीदिंग की एक्सरसाइज करें. फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए डीप ब्रीदिंग बेहद कारगर है.
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सवाल- प्रेगनेंसी के दौरान यदि कोई महिला कोरोना संक्रमित होती है तो वे मानसिक तनाव से किस तरह दूर रह सकती है ?
जवाब- कोरोना संक्रमित होने पर सिर्फ गर्भवती महिलाएं ही नहीं बल्कि आम लोग भी मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं. लेकिन माताओं या गर्भवती महिलाओं को बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसे भी अन्य बीमारियों की तरह ही ट्रीट करें. सावधानी जरूर बरतें, समय-समय पर शरीर का तापमान जांचे. ऑक्सीजन चेक करते रहें. यदि लगता है कि डॉक्टर्स से बात करनी चाहिए तो उनकी सलाह लें. सकारात्मक सोचे. इस वक्त अपने मन को चंगा रखना, संबल बनाये रखना, बेहद जरूरी है.
डॉक्टर निलय मुर्जकर,शिशु रोग विशेषज्ञ इस विषय पर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निलय मुर्जकर ने बताया कि कोरोना संक्रमित माता अपने नवजात शिशु को दूध पिला सकती हैं. डब्ल्यूएचओ द्वारा पहले से ही इसे हरी झंडी दी गई है. कोरोना संक्रमित माताओं से दूध पीने के बाद बच्चों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा तो बना रहता है, लेकिन बच्चों का उनकी मां के पास होना ज्यादा जरूरी होता है. जो कोरोना से संक्रमित होने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. इसलिए कोरोना संक्रमित माताओं का बच्चों को साथ रखना जरूरी है और दूध पिलाना भी जरूरी है. स्वच्छता का खास ख्याल रखा जाना चाहिए, इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है.