रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस जोगी के सुप्रीमो अजीत जोगी ने तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने बातचीत की. दिल्ली चुनाव के रिजल्ट पर उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम से चार निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं. उन्होंने मुख्य बात यह कही कि, 'राज्य के चुनाव में अब राष्ट्रीय मुद्दों को सामने करके चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है'.
जनता कांग्रेस जोगी के सुप्रीमो अजीत जोगी से खास बातचीत उन्होंने पहला निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि बीजेपी ने दिल्ली में शाहीन बाग, राम मंदिर, 370 जैसे मुद्दों को उठाया था, लेकिन वे पूरी तरह विफल हो गए. पहला निष्कर्ष यहीं है कि राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर अब राज्य के चुनाव नहीं जीते जा सकते हैं.
'बीजेपी के हार का दूसरा निष्कर्ष'
जोगी ने दूसरा निष्कर्ष निकालते हुए बताया कि राज्य के चुनाव में नेतृत्व दिखाना पड़ेगा. बीजेपी ने अपना कोई नेतृत्व नहीं दिखाया है, उसका उन्हें भारी नुकसान हुआ है. अरविंद केजरीवाल के सामने कोई भी खड़ा नहीं हुआ. यह भी जरूरी हो गया है कि हर राज्य में नेतृत्व दिखाया जाए.
'बीजेपी और कांग्रेस के हार का तीसरा निष्कर्ष'
उन्होंने तीसरा निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि, 'अब भाजपा को कांग्रेस नहीं रीजनल पार्टी हरा रही है. इसका उदारहण महाराष्ट्र, झारखंड के चुनाव हैं. राज्य में अब रीजनल पार्टी को लोग पसंद कर रहे हैं, लेकिन केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभी भी रुतबा बना हुआ है'.
'बीजेपी और कांग्रेस के हार का चौथा निष्कर्ष'
चौथे निष्कर्ष पर उन्होंने कहा कि, 'अब कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है. कांग्रेस लगातार नीचे जा रही है और नीचे जाकर अब रसातल पर पहुंच गई है. जिस राज्य में 15 साल राज किया, लेकिन वहां एक भी सीट नहीं जीत पाई'.
'कांग्रेस का संगठन चरमरा गया'
बातचीत के अंत में उन्होंने कांग्रेस की लगातार हार का कारण बताते हुए कहा कि, 'कांग्रेस के पास राष्ट्रीय नेतृत्व पक्का नहीं दिख रहा है. कांग्रेस का संगठन भी चरमरा गया है. ज्यादातर संगठन के लोग रीजनल पार्टी में शामिल हो गए हैं. दिल्ली में ज्यादातर कांग्रेस के लोग सभी आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं, कांग्रेस के पास मजबूत संगठन नहीं है'.