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छत्तीसगढ़ के युवा योगाचार्य, योग की पाठशाला में पैदा कर रहे नेशनल खिलाड़ी !

21 जून को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही (International Yoga Day 2022 ) है. योग का मानव जीवन में बहुत फायदा है. यह शरीर को निरोग और फिट रखता (chhattisgarh youth yogacharya narendra kumhar) है. ऐसे में आज हम आपको छत्तीसगढ़ के युवा योगाचार्य से मिलाने जा रहे हैं. जिन्होंने अपनी मेहनत और ट्रेनिंग से छत्तीसगढ़ को बेहतरीन योग खिलाड़ी और ट्रेनर दिए हैं.

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छत्तीसगढ़ के युवा योगाचार्य

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Published : Jun 21, 2022, 1:01 AM IST

Updated : Jun 21, 2022, 7:20 AM IST

रायपुर: 21 जून को पूरा देश योग दिवस मना रहा है. स्कूल से लेकर कॉलेजों में भी आज के दिन योग किया जा (International Yoga Day 2022 ) रहा है. इस खास दिन पर ईटीवी भारत आपको एक ऐसे गुरुकुल में लेकर आया है. जहां एक द्रोणाचार्य भी है और उनके सिखाए बच्चे योग के माध्यम से न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश भर में परचम लहराए हुए हैं. हम जिस गुरुकुल की बात कर रहे (chhattisgarh youth yogacharya narendra kumhar) हैं. उसका नाम तिलक भारती स्कूल है. यहां योग टीचर बच्चों को निःशुल्क योग की ट्रेनिंग देते हैं. इस स्कूल के अलावा यहां आसपास के शासकीय और निजी स्कूल के भी बच्चे आते हैं. रोजाना करीब 80 बच्चों को यहां योगाभ्यास कराया जाता (Yoga trainer Narendra Kumhar prepared yoga players in Chhattisgarh) है. यहां ट्रेनिंग ले रहे लगभग 70 योग के प्लेयर राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर (Yoga training at Tilak Bharti School Raipur ) चुके हैं.

छत्तीसगढ़ के युवा योगाचार्य
हर साल यहां के योग खिलाड़ी जीत करते हैं दर्ज:राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी इलाके में स्थित तिलक भारती स्कूल में योग की निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है. यहां आसपास के इलाकों से भी बच्चे आते हैं. खास बात यह है कि यहां के 9 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेपाल में आयोजित साउथ एशियन गेम में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इसके साथ ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी यहां के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है. बता दें कि हाल ही में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में योग को शामिल किया गया है. जिसका आयोजन हरियाणा के पंचकूला में हुआ था. पहली बार इसमें योग करते हुए खिलाड़ी दिखाई दिए हैं.
योग की पाठशाला



7 साल से दे रहे निःशुल्क ट्रेनिंग :ट्रेनर नरेंद्र कुम्हार बताते हैं कि "वे पिछले 7 साल से योग की ट्रेनिंग दे रहे हैं. पहले साल 15 से 17 बच्चे ही योग की क्लास में आते थे. उस समय संसाधन की कमी थी. उसके बाद धीरे-धीरे स्कूल मैनेजमेंट संसाधनों को पूरा करते गई. फिर धीरे-धीरे योग की ट्रेनिंग लेने वाले बच्चों की भी संख्या बढ़ती गई. आज हमारे पास 70 से 80 खिलाड़ी है, जो राज्य के साथ ही राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में शामिल हो चुके हैं. वैसे तो यह क्लास पूरी तरह निशुल्क है. हमारे पास हमारे स्कूल के अलावा आसपास के स्कूल के भी बच्चे यहां योग की ट्रेनिंग लेने आते हैं. हमारा स्कूल मैनेजमेंट भी योग की ट्रेनिंग के लिए हमारा सपोर्ट करता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे 9 खिलाड़ी शामिल हो चुके हैं.

योग करते नन्हे खिलाड़ी

एशियन गेम्स में भी यहां के ट्रेंड बच्चों ने किया कमाल: नेपाल में 2017 में साउथ एशियन गेम हुआ था. इसमें 9 खिलाड़ियों ने देश का प्रतिनिधित्व किया था. इसमें दो खिलाड़ियों को सिल्वर मेडल मिला था. इसके अलावा कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हमारे यहां के बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया है और मेडल भी लाए हैं. हाल ही में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में छत्तीसगढ़ से 2 खिलाड़ियों का चयन हुआ था. वह दोनों खिलाड़ी हमारे प्रशिक्षण से ही खेलो इंडिया में शामिल हुए थे. इतना ही नहीं बल्कि योग से संबंधित होने वाले ज्यादातर शासकीय आयोजनों में हमारे यहां के ही बच्चे ही शामिल रहते हैं.

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नरेंद्र स्कूल लाइफ से कर रहे योग:नरेन्द्र कहते हैं कि "स्कूल लाइफ से ही योग शुरू कर दिया. सातवीं क्लास में पहली बार योग किया था. मेरे योग गुरु विष्णु महोबिया जी है. उनके ही मार्गदर्शन में योग शुरू किया था. सातवीं से योग शुरू किया तो नवमी तक योग करता रहा, लेकिन जैसे ही मेहनत करते गया उसके बाद मेरे प्रशिक्षण और साथियों ने मेरी सहायता की. तब जाकर मैं राज्य और राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल हुआ. उसके बाद से इसी क्षेत्र में आगे बढ़ता गया. वैसे क्रिकेट का भी बढ़िया खिलाड़ी रहा हूं, लेकिन योग को मैं बेहतर समझा और बच्चों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करने का सोचा और उसी दिशा में काम कर रहा हूं".

कामयाबी मिलने से जिंदगी बदली:खिलाड़ी प्रभाकर सिंह कहते हैं "कि मैं कक्षा बारहवीं में हूं. पिछले 5 सालों से योग कर रहा हूं. वैसे तो मेरे घर में चार लोग हैं. घर की आर्थिक स्थिति पहले बेहतर नहीं थी, लेकिन योग करने से कहीं कहीं से अचीवमेंट आती गई तो वहां से फाइनेंसियल भी बहुत सपोर्ट मिलता है. इसलिए मैं योग जारी रखा हूं. आगे भी करते रहूंगा." वही योग खिलाड़ी प्रकाश साहू कहते हैं कि "अभी गवर्नमेंट स्कूल में 12 वीं कक्षा में हूं. यहां ट्रेनिंग लेने आता हूं. योग पिछले 4 साल से कर रहा हूं.एक साल अपने गवर्नमेंट स्कूल में किया. पहला नेशनल खेलने के बाद मुझे मोटिवेशनल आया कि मुझे और आगे बढ़ना है. हमारे स्कूल में उतना ज्यादा संसाधन नहीं था. फिर नरेन्द्र सर के मार्गदर्शन में योगा स्टार्ट किया. इसमें दिवाकर भैया का भी बहुत सपोर्ट रहा. जिनसे मैं बहुत ज्यादा इंस्पायर्ड हूं. घर में मम्मी, भाई, दादी और मैं हूं. मेरे पिताजी का स्वर्गवास हो गया है. पापा का एक छोटा सा इलेक्ट्रिक शॉप था. जिसे भाई देखता है. उसी से घर चलता है. मैं अपने पूरे योगा के जर्नी में 2 नेशनल और 3 स्टेट खेला हूं. हाल ही में खेलो इंडिया नेशनल यूथ गेम 2021 में छत्तीसगढ़ को रिप्रेजेंट करने का मौका मिला".

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बच्चों का सौभाग्य, जो उन्हें ऐसे योगाचार्य मिले:तिलक भारती स्कूल की डायरेक्टर राजकुमारी पात्रो बताती हैं "कि हमारे स्कूल में योग करते हुए लगभग 20 साल हो गया है, लेकिन हमारे बच्चों का सौभाग्य है कि नरेंद्र कुम्हार जैसा उनको योग गुरु मिला. प्रकाश और प्रभाकर दोनों यहां प्रशिक्षण लेने आते हैं. यह दोनों छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, लेकिन योग प्रतिनिधित्व की बात नहीं है. योग एक जीवन शैली है, जो बच्चों को निरंतर करना चाहिए. बच्चे बूढ़े तक इसका अभ्यास कर सकें. हमारे स्कूल में योग की प्रतिदिन क्लास लगती है. पूरे स्कूल के बच्चों को ग्रुप वाइज बारी-बारी से शिक्षा दिया जाता है".

Last Updated : Jun 21, 2022, 7:20 AM IST

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