रायपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार भी अपने स्तर पर सरकारी तंत्र को मजबूत करने में लगी है. प्रदेश में रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में एक बड़ा प्रश्न उठने लगा है कि क्या सरकार सभी मरीजों के लिए बेड उपलब्ध करवा पाएगी. वहीं टेस्टिंग सेंटर्स पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रदेश में बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए 25,000 बेडों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. वर्तमान में प्रदेश में 157 कोविड-19 केयर सेंटर हैं जिनमें 18,598 बिस्तर की व्यवस्था है.
कोरोना को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के दो अहम फैसले इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार टेस्टिंग बढ़ाए जाने की दिशा में भी काम कर रही है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के लिए प्रतिदिन कोविड-19 सैंपल लेने का एक लक्ष्य तय कर दिया है. साथ ही विभाग ने किस जिले का सैंपल कौन से लैब में टेस्ट किया जाएगा, इसको लेकर भी स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर दिया है.
पिछले 15 दिनों में छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों की तादाद में खासी बढ़ोतरी हुई है. खास तौर पर रायपुर और दुर्ग जिले में मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ गई है. हर रोज कोरोना की जांच के लिए भारी तादाद में लोग अस्पताल या जांच केंद्रों में पहुंच रहे हैं. इनमें से आधे लोगों की जांच भी नहीं हो पा रही है. इसलिए आम लोगों में कई प्रकार के आशंकाओं के साथ नाराजगी भी है, लेकिन सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्ट करा कोविड-19 के मरीजों की पहचान की जाए.
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बेडों की और व्यवस्था कराने के लिए सरकार ने सभी कलेक्टरों को अपने जिले में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कोविड-19 सेंटर में बिस्तरों की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. इन कोविड-19 अस्पतालों को जिला प्रशासन को जल्द से जल्द ही पूरा करना होगा. क्योंकि अब हर जिले में मरीज बढ़ रहे हैं, ऐसे में जिस जिले के मरीज हैं, उनका उसी जिले में इलाज किया जाएगा. पहले अन्य जिलों के मरीजों को भी इलाज के लिए राजधानी रायपुर लाया जाता था, लेकिन अब रायपुर में ही रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं. प्रदेश में 29 डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पतालों में 3,384 मरीजों के इलाज की व्यवस्था है.
जिलेवार बिस्तरों की संख्या-
- बालोद जिले में कोविड-19 केयर सेंटर में 1055 बेड
- बलौदाबाजार, भाटापारा, बेमेतरा और कांकेर में 550-550
- बलरामपुर, रामानुजगंज में 500
- बस्तर में 1250
- बीजापुर में 80 बिस्तरों की व्यवस्था
- बिलासपुर में 687
- दंतेवाड़ा में 582 बेड उपलब्ध
- धमतरी में 475 बेड
- दुर्ग में 1,574 बेड की व्यवस्था
- गरियाबंद में 235
- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और जांजगीर-चांपा में 200-200
- जसपुर में 535 बेड की व्यवस्था
- कबीरधाम में 460
- कोंडागांव में 181 बेड
- कोरबा में 650 बेड की व्यवस्था
- महासमुंद में 240
- मुंगेली में 434 बेड की व्यवस्था
- नारायणपुर और रायगढ़ में 1,000 बेड
- रायपुर में 4,350 बेड
- राजनांदगांव में 310 बिस्तर
- सुकमा में 825 बेड
- सूरजपुर में 250 बेड
- सरगुजा जिले में 730 बेड उपलब्ध है
3 तरह के टेस्ट करवाने के लक्ष्य तय
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी निर्देश में कोविड-19 की Rt-pcr ट्रूनेट और रैपिड एंटीजेन किट से जांच के लिए सभी अलग-अलग जिलों को अलग-अलग टारगेट तय किए गए हैं. इनमें छोटे जिलों में कम से कम 100 और बड़े जिलों में 800 से ज्यादा टेस्ट हर रोज कराये जाने का लक्ष्य है. इसके अलावा लैब में भी जांच के लिए लक्ष्य तय कर दिया गया है. इनमें गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज रायपुर, एम्स रायपुर, जीएमसी रायगढ़, जीएमसी जगदलपुर, जीएमसी अंबिकापुर, सिम्स बिलासपुर और जीएमसी राजनांदगांव शामिल है. इन तीनों तरह के टेस्ट के लक्ष्य के आधार पर देखा जाए तो हर रोज छत्तीसगढ़ में 10,440 टेस्ट प्रतिदिन किए जाने हैं, इनमें Rt-pcr टेस्ट 3900, ट्रूनेट टेस्ट 2640 और एंटीजन टेस्ट के लिए 3,900 सैंपल लेना है.