रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़े (corona patients in chhattisgarh) तेजी से कम हो रहे हैं. वहीं अब देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variants) का खतरा तेजी से मंडरा रहा है. माना जा रहा है कि ये वेरिएंट तेजी से फैलने वाला है. फिलहाल पूरे देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 60 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं. पिछले एक हफ्ते में महाराष्ट्र में 14 नए मामले इस वेरिएंट के सामने आए हैं. हालांकि अभी तक छत्तीसगढ़ में डेल्टा प्लस वेरिएंट के मरीज (Delta Plus variant patients in Chhattisgarh) देखने को नहीं मिले हैं. इसको लेकर ETV भारत ने कोरोना ICU डिपार्टमेंट हेड ओपी सुंदरानी (OP Sundrani) से खास बातचीत की.
सवाल: क्या होता है डेल्टा प्लस वैरिएंट और ये कैसे होता है ये म्यूटेंट
जवाब:वायरस का बेसिक नेचर होता है म्यूटेंट होना. डेल्टा प्लस (Delta Plus) भी एक म्यूटेशन है. देश में हम शुरू से देख रहे हैं कि कोरोना पहले एक पैरंट वायरस था, जिसके बाद वह बार-बार म्यूटेशन हुआ. डेल्टा प्लस भी बाकी वेरिएंट के जैसे एक वेरिएंट है. लेकिन इसमें ये है कि इस वैरिएंट में एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलने की पॉसिबिलिटी ज्यादा है. तो अगर सावधानी नहीं बरती जाएगी तो संक्रमण के मामले ज्यादा देखने को मिलेंगे. दूसरा इसमें डिफरेंस ये है कि जो कोरोना के इलाज में मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज एक प्रॉमिसी ट्रीटमेंट अभी साबित हो रहा था, अगर अर्ली स्टेज में शुरू किया जाए तो हो सकता है कि वह डेल्टा प्लस वेरीएंट के मरीजों पर काम नहीं करे. अभी इस पर रिसर्च चल रहा है. लेकिन हो सकता है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज के ट्रीटमेंट को स्किप कर जाए.
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