रायपुर/हैदराबाद: आजादी के अमृत महोत्सव में ईटीवी भारत आज आपको भारत के जल दूत के बारे में बताने जा रहा है. जिन्होंने जल संरक्षण की दिशा में बेहतरीन काम किया है. आजादी के 75 साल में भारत ने कई उतार चढ़ाव देखे. पर्यावरण के स्तर पर भी समस्याएं देखी. लेकिन इसका कुछ लोगों ने डटकर मुकाबला किया और जल संरक्षण की दिशा में कार्य किया. इसलिए इन्हें जल दूत और जल योद्धा के नाम से जाना जाता है.India water warriors
राजेंद्र सिंह:राजेंद्र सिंह ने राजस्थान के लोगों के साथ मिलकर ऐसा काम किया, जिसमें राजस्थान के कई गांवों में पानी नहीं था और जिन गांवों में पानी था उसे लेकर उन गांव में पानी पहुंचाया गया, जहां पानी नहीं पहुंच पा रहा था. लोगों को भी वैसा ही काम करना चाहिए. राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया "सरकार जो रिवर बेसिन मैनेजमेंट बिल लेकर आ रही है, इसमें पानी का मालिकाना हक निजी कंपनियों को दिया जा सकता है. मगर उससे पहले ही 18 गांव में फ्रांस की दो निजी कंपनियों ने पानी का मालिकाना हक लेकर वहां पर पानी का निजीकरण की शुरुआत कर दी है. जो एक तरह से देश के लिए बहुत ही खतरनाक स्थिति है.
कौन हैं राजेंद्र सिंह ?
- उत्तर प्रदेश के बागपत में जन्मे और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त राजेंद्र सिंह को जल पुरुष के नाम से जाना जाता है.
- राजेंद्र सिंह ने 1980 के दशक में राजस्थान में पानी की समस्या पर काम करना शुरू किया.
- राजस्थान में छोटे-छोटे पोखर फिर जोहड़ से सैकड़ों गांवों में पानी उपलब्ध हो गया.
- 1975 में राजस्थान के अलवर से तरुण भारत संघ की स्थापना की.
- राजस्थान के 12 सौ गांव में करीब 12000 तालाब का आम लोगों की भागीदारी से निर्माण करवाया.
- 2015 में उन्होंने स्टॉक होम वाटर प्राइज जीता
- ये पुरस्कार 'पानी के लिए नोबेल पुरस्कार' के रूप में जाना जाता है.
अमला रुया :इनका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्हें जल की माता के रूप में जाना जाता है. वह राजस्थान में 1998 के सूखे के बाद क्षेत्र के लोगों की मदद करती रही हैं. वहां उन्होंने आकार चैरिटेबल ट्रस्ट नाम से एक धर्मार्थ संगठन बनाया. जिसके माध्यम से उन्होंने उन गांवों को पानी की सुविधा प्रदान की, जिन्हें पानी नहीं मिल रहा है. उनकी चैरिटी ने 2006 से 2018 के बीच 317 बांध बनाए हैं. इससे राजस्थान के 182 ग्रामीणों को सीधा लाभ मिल पहा है. यह धर्मार्थ संगठन राजस्थान के लोगों की शिक्षा का खर्च भी वहन कर रही है.