रायपुर: आखिरकार लंबे इंतजार के बाद छत्तीसगढ़ में सोमवार को स्कूल खोल दिए गए. कोरोना काल में करीब 2 साल के बाद स्कूल खुलने से छात्र-छात्राओं के चेहर पर खुशी दिखी. सरकार ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल खोलने का फैसला लिया. जिसका असर ज्यादातर जगहों पर दिखा. प्रदेश में अधिकांश जगह पर 10वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू की गई है. पहले दिन छात्र कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दिखे. करीब 50 फीसदी उपस्थिति के साथ विद्यार्थी स्कूल पहुंचे.
रायपुर में पहले दिन ऐसे हुई पढ़ाई
रायपुर में 50 फीसदी विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ स्कूलों को खोला गया. इस दौरान स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाया गया. रायपुर में पहले दिन कुल 120 स्कूल खुले. शिक्षकों ने स्कूल आने वाले विद्यार्थियों का तिलक और आरती से स्वागत किया. शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर ईटीवी भारत की टीम शासकीय पीजी उमठे कन्या शाला पहुंची और वहां का जायजा लिया. बच्चों को स्कूल में प्रवेश से पहले कोरोना गाइडलाइन का पालन कराया गया. उसके बाद बच्चों को कक्षा में प्रवेश दिया गया है. शाला प्रवेश उत्सव के मौके पर स्कूलों में बच्चों को किताबें बांटी. इसके साथ ही मास्क का भी वितरण किया गया.
रायपुर में लगभग दो साल बाद खुले स्कूल, ऐसे हुई पहले दिन पढ़ाई
लगभग दो साल बाद स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों से बातचीत में बताया कि वे स्कूल आकर बेहद खुश हैं और बड़े दिनों बाद अपने शिक्षकों से और अपने फ्रेंड्स से मिल रहे हैं. उन्हें अच्छा लग रहा है. छात्रों को पहले दिन स्कूल में कोरोना संक्रमण से बचाव और गाइडलाइन की जानकारी दी गई. इसके साथ ही समय-समय पर हैंड सैनिटाइजर और मास्क लगाए रखने की हिदायत दी गई. स्कूल की प्राचार्य विद्या सक्सेना ने बताया कि स्कूल में कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सारी व्यवस्थाएं की गई है. उन्होंने बताया कि स्कूल में असेंबली नहीं की जाएगी क्योंकि ऐसा करने से भीड़ होगी. छात्र अपनी कक्षा में ही असेंबली करेंगे. प्राचार्य के मुताबिक एक क्लास में सिर्फ 20 छात्रों को बैठाने की व्यवस्था की गई है. प्राचार्य ने बताया कि क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके, इसके लिए एक क्लास में 20 स्टूडेंट के बैठने की व्यवस्था की गई है.