रायपुर: जापान के टोक्यो में खेलों का महाकुंभ ओलंपिक (olympics) शुरू हो चुका है. खेल के इस महाकुंभ में दुनिया भर के खिलाड़ी अपना जौहर दिखा रहे हैं. वहीं भारत की वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी मीराबाई चानू (Weightlifting player Mirabai Chanu) ने वेटलिफ्टिंग में ओलंपिक में सिल्वर मेडल (silver medal) जीतकर पूरे देश का नाम रोशन किया है.
सिल्वर मेडल जीतने के बाद पूरा देश मीराबाई चानू की प्रशंसा कर रहा है. वहीं देश में ऐसे भी कई खिलाड़ी हैं. जिनमें प्रतिभा होने के बावजूद उन्हें प्रशिक्षण और फैसिलिटी नहीं मिल पाई. जिसकी वजह से खिलाड़ी नेशनल और इंटरनेशनल मैच (National and International matches) नहीं खेल पा रहे हैं. ईटीवी भारत ने इसकी वजह जानने के लिए कोच और कुछ खिलाड़ियों से चर्चा की.
स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और एकेडमी की कमी
वेटलिफ्टिंग कोच मानिक ताम्रकार ने बताया कि प्रदेश में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और एकेडमी की कमी है. इसी वजह से खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने की जगह नहीं मिल पा रही है. मुख्यमंत्री चाहे तो हर जिले में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बना सकता है. जिससे खिलाड़ी वहां प्रैक्टिस कर सकें लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. प्रदेश में टैलेंटेड खिलाड़ियों की भरमार है, लेकिन खिलाड़ियों का गरीब परिवार से नाता होने की वजह से उन्हें सही तरीके से फैसिलिटी नहीं मिल पाती है. सरकार द्वारा भी जितनी सहायता एक खिलाड़ी को उभारने के लिए करना चाहिए, सरकार नहीं कर रही है. इसी वजह से खिलाड़ी चाहते हुए भी खेल पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं और आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.