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SPECIAL: लॉकडाउन के दौरान घर पर बैठना किसी बुरे सपने से कम न था, धीरे-धीरे काम पर वापस लौट रही हैं मेड - house maids

कोरोना काल में अब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होने के बाद एक बार फिर घरों में मेड ने अपना काम शुरू कर दिया है. जहां लॉकडाउन में उनकी आजीविका पर असर पड़ा था, वहीं अब सतर्क और सावधान होकर मेड अपने कामों को बड़ी दिलचस्पी के साथ कर रही हैं.

house maids faced a variety of problems during the lockdown.
लॉकडाउन के दौरान मेड को आई कई दिक्कतें

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Published : Nov 7, 2020, 12:12 PM IST

Updated : Nov 7, 2020, 2:18 PM IST

रायपुर:कोरोना का असर हर वर्ग पर पड़ा है. चाहे वह अमीर हो या गरीब हो, एक मजदूर से लेकर उद्योगपति को भी कोरोना के चलते नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं एक ऐसा वर्ग भी है, जिसके बिना हमारे घर के सभी काम रुक जाते हैं. जिसके नहीं आने से सबकुछ अस्तव्यस्त हो जाता है. हम बात कर रहे हैं हाउस मेड यानी घरेलू सहायिकाओं की. वे हमारे घरों में बर्तन, झाड़ू-पोंछा, साफ-सफाई, कपड़ा धुलाई और खाना बनाने जैसे अनेकों काम करती हैं. वो एक तरह से घर की लाइफलाइन होती है. पूरे घर का काम उसके आने पर निर्भर करता है. अगर कभी हाउस मेड न आए, तो गृहिणियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच जाती हैं.

लॉकडाउन के दौरान घरों में काम करने वाली महिलाओं का आना कई लोगों ने प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है. इसके साथ ही मेड वापस काम पर लौट आई हैं और अपना मोर्चा संभाल लिया है.

पटरी पर लौटी मेड्स की जिंदगी

सतर्क और सावधान होकर घरों में काम कर रहीं मेड

कोरोना काल में अब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होने के बाद एक बार फिर घरों में मेड ने अपना काम शुरू कर दिया है. जहां लॉकडाउन और कोरोना के कारण बने हालात के कारण उनकी आजीविका पर असर पड़ा था, वहीं अब सतर्क और सावधान होकर हाउस मेड्स अपने कामों को पूरे लगन के साथ कर रही हैं. वे मास्क पहनकर घरों में काम करने के लिए आ रही हैं और साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रख रही हैं.

लॉकडाउन में घर पर बैठना किसी बुरे सपने से कम नहीं था

लॉकडाउन के दौरान कई घरों में काम करने वाली मेड ने बताया कि कोरोना संक्रमण चलते कई घर वालों ने उन्हें काम पर आने से मना कर दिया था. जिसके चलते उन्हें कॉलोनी और घरों में प्रवेश पर प्रतिबंधित कर दिया गया था. इस दौरान उन्हें अपना घर चलाने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन कुछ लोगों ने मानवता दिखाते हुए उन्हें पूरी तन्ख्वाह दी.

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हाउस वाइफ के लिए था एक्स्ट्रा काम

कई हाउस वाइफ का मानना है कि लॉकडाउन के समय घरों में काम करने वाली मेड के न आने पर उन्हें भी कई तरह की दिक्कतें आईं. इस दौरान उन्हें ही घर का सारा काम करना पड़ता था. लेकिन अब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होती जा रही हैं, अब मेड भी वापस काम पर लौट आई हैं, जिससे उन्हें राहत मिली है.


संक्रमण से बचने के लिए कर रहे उपाय

कोरोना संक्रमितों की संख्या भले ही धीरे-धीरे कम हो रही है, लेकिन कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. मेड कई घरों में काम करती हैं, लिहाजा सुरक्षा बरतते हुए सैनिटाइजर और मास्क के साथ उनसे घरों में काम करवाया जा रहा है.


कई मेड ने खुद से छोड़ा था काम

एक हाउस वाइफ ने बताया कि उनके घर पर पिछले 10 साल से एक मेड काम कर रही थी, लेकिन लॉकडाउन के दौरान जब मेड को घर पर आने से मना कर दिया गया और फिर वापस बुलाया, तो उसने काम करने से मना कर दिया. कुछ मेड घरों का काम छोड़कर दूसरे कामों में लग गई हैं.

बहरहाल अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने के साथ एक बार फिर जिंदगी पटरी पर लौट रही है. जरूरत सबको साथ रखने और मदद करने की है, ताकि ये कठिन दौर बीत सके.

Last Updated : Nov 7, 2020, 2:18 PM IST

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