रायपुर : बजट सत्र को लेकर सरकार तैयारी में जुट गई है. वहीं विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है. इस बार बजट सत्र के दौरान विपक्ष अपराध के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला कर सकता है. इसे लेकर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि उन्हें हमला करना चाहिए. हमलोग जवाब देने को तैयार हैं. चाहे लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति हो, क्राइम की बात हो, नक्सली की बात हो या जो भी हो, हम पूरी तरह जवाब देने को तैयार हैं. हमारा मानना है कि उनके शासन के 15 साल में अगर सभी चीजों पर ध्यान दिया गया होता तो आज हत्या, चोरी, डकैती, बलात्कार, चाकूबाजी, अपराध और नक्सलियों को वे खत्म कर चुके होते. छत्तीसगढ़ में अमन-चैन का माहौल होता.
गृहमंत्री ने अमित शाह पर कसा तंज प्रियंका गांधी के कमान संभालते कांग्रेस का बढ़ा ग्राफ : साहू
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पूरी तरह साफ हो जाएगी. अमित शाह के इस बयान पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि अमित शाह क्या हेरफेर करते हैं. समझ में नहीं आता, वो जो कहते हैं कि इतने आंकड़े हम लाएंगे, वही आंकड़े कैसे आ जाते हैं, यह हमारे समझ के बाहर है. हमारा मानना है जिस दिन से प्रियंका गांधी ने कमान संभाली है, उस दिन से कांग्रेस का ग्राफ जबरदस्त बढ़ा है.
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हिजाब मामले पर मोदी और शाह दें एक लाइन, ताकि देश अमल कर सके...
हिजाब विवाद को लेकर अमित शाह के बयान पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि केंद्र सरकार में नरेंद्र मोदी और अमित शाह बैठे हैं. फाइनल डिसीजन उनको करना चाहिए कि इसमें क्या हो. एक लाइन देना चाहिए, ताकि पूरा देश उस पर अमल कर सके.
राजभवन-सरकार में ज्यादा तकरार की बात नहीं...
राज्य सरकार और राजभवन में बढ़ती दूरी को लेकर ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मैं समझता हूं कि बहुत ज्यादा तकरार की बात नहीं है. मुख्यमंत्री की स्पष्ट सोच है, जिसको छत्तीसगढ़ की जनता तीन साल से देख रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस तरीके से योजनाओं का संचालन किया. कुलपति का चयन किया. जिस रेशियो में कांग्रेस के कार्यकर्ता, पदाधिकारी, अर्थशास्त्री और शिक्षाविद जो जैसे योग्य हैं, उनको ही नियुक्त करते हैं.
नक्सल अभियान में हम पूरी तरह कामयाब...
वहीं नक्सलियों द्वारा सामान्य जनों के अपहरण और उनकी हत्या के मामले पर ताम्रध्वज साहू ने कहा कि नक्सल अभियान में पूरी तरह हम कामयाब हैं. आप देख रहे हैं कि उनकी गतिविधियां कम हो गई हैं. यदि कोई सड़क पर चल रहा है और उसको कोई उठा ले तो हर जगह, हर कदम पर तो तैनाती नहीं होती. कोशिश की जा रही है कि हर जगह ज्याद से ज्यादा कैंप खोले जाएं. ज्यादा और बेहतर सड़कें बनाई जाएं. व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएं.