नई दिल्ली:आज राज्यसभा में राजमार्गों पर बाहु बल्ली बाड़ लगाए जाने के संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से सवाल पूछा गया. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए छत्तीसगढ़ में एक पायलट प्रोजेक्ट बनाने की जानकारी दी है. गडकरी ने कहा कि वनवासी क्षेत्र में इस योजना से आदिवासियों को काम मिलेगा.
Bahu Balli Fence Project: राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बोले, "बैंबू इकॉनमी मजबूत होगी, ग्रामीणों को मिलेगा लाभ'' - बाहु बल्ली बाड़
Bahu Balli Fence Project बुधवार को राज्यसभा में राजमार्गों पर बाहु बल्ली बाड़ लगाए जाने के संबंध में सवाल पूछा गया. केंद्रीय सड़क राजमार्ग और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रोजेक्ट के संबंध में पूछे गए सवालों पर जवाब दिया है. गडकरी ने योजना के तहत टेस्टिंग और इससे होने वाले फायदे का बारे में जानकारी दी है.
नितिन गडकरी ने सवालों के दिये जवाब: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि "इसका पहली बार प्रयोग किया गया है. इसकी टेस्टिंग की गई है. यह ईको फ्रेंडली है. स्टील के बजाए बांस का क्रैश बैरियर बनाने के अप्रूवल मिल गए हैं. छत्तीसगढ़ में एक पायलट प्रोजेक्ट बनाने का हमने निर्णय लिया है. यह प्रोजेक्ट सक्सेस होने के बाद स्टील के बजाए बैंबू का क्रैश बैरियर होगा. जिसके कारण वनवासी क्षेत्र में आदिवासियों को काम मिलेगा. नार्थ ईस्ट में बैंबू काफी उपलब्ध है. वहां भी यह क्रैश बैरियर बनेगा. मवेशियों और लोगों की सुरक्षा का ध्यान भी रखा गया है."
वनवासियों को होगा फायदा: नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि इस प्रोजेक्ट से ग्रामीण क्षेत्रों को लाभ मिलेगा. किसान बांस लगाएंगे. बांस से अब इथेनाल बन रहा है. बैंबू से अचार बनता है. इससे कपड़ा भी बनता है. चीन में बैंबू की बहुत बड़ी इकॉनमी है. हमारे देश में भी बैंबू की इकॉनमी मजबूत होगी. क्रैश बैरियर के कारण लोहे की बचत होगी. इस काम को करने के लिए वनवासियों और ग्रामीणों को प्रोत्साहन मिलेगा. बैंबू क्रैश बैरियर का यह प्रयोग सफल रहा तो एक्सिस कंट्रोल का भी पूरा काम ग्रामीणों को मिलेगा. वनवासियों को विशेष रूप से इसका फायदा होगा.