रायपुर:घर की छत पर खेती, क्यों चौंक गए ना. लेकिन चौंकिए मत. रायपुर की एक महिला ने यह कर दिखाया है. रायपुर के अवंती विहार में रहने वाली एक महिला का प्रकृति खेती और बागवानी के प्रति ऐसा लगाव है कि उनके शौक को कंक्रीट के जंगल भी नहीं रोक पाए. उन्होंने हरियर छत्तीसगढ़ का नारा बुलंद करते हुए छत पर ही खेती करनी शुरू कर दी. यही वजह है कि पुष्पा साहू को हरियाली दीदी के नाम से जाना जाता है. वह अपने घर की छत पर अलग-अलग तरह की सब्जियों के साथ फलों की खेती कर रही है. छत पर पुष्पा साहू आम, संतरा, और चीकू जैसे फलों की खेती कर रही है. ईटीवी भारत पुष्पा साहू के छत पर बने इस गार्डन में पहुंचा और उनसे खास बात की.
रायपुर की हरियाली दीदी पुष्पा साहू से खास बातचीत पुष्पा साहू ने बताया कि वे 2013 से घर की छत पर फलों की जैविक खेती करते आ रही हैं. आमतौर पर लोग अपने घरों पर फूल और सब्जियां उगाते हैं लेकिन मैंने फल से शुरुआत की.औषधि पौधे के साथ-साथ उनके घर में सभी प्रकार के पौधे मौजूद हैं. पुष्पा साहू ने बताया कि उन्होंने अपने घर की छत पर चीकू आम और सेब का पेड़ लगाया है. आम की सबसे महंगी वेरायटी हापुस आम (अलफांजो) की होती है उनमें आम लग गए हैं और तकरीबन आम की कीमत 4000 रुपए है. इसी तरह से चीकू और सेब के पेड़ भी लगाए हैं जिनमें फल आ रहे हैं
घर में लगाया चाइनीज संतरा:पुष्पा साहू ने बताया कि "वह अपने घर की छत पर फल, फूल सब्जी और औषधीय पौधे लगा रहीं हैं. उन्होंने अपने घर की छत पर चाइनीज संतरे का पेड़ लगाया है. जो फल भी दे रहा है. पुष्पा साहू ने बताया कि इस पेड़ को नागपुर से मंगाया गया था और उसे लगाया गया है. चाइनीज संतरा खाने लायक नहीं होता. लेकिन इसका इस्तेमाल साबुन बनाने और फ्रेगरेंस के फ्लेवर के तौर पर होता है".
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रोजाना एक घंटे की बागवानी से तैयार किया बगिया:पुष्पा साहू ने बताया कि उन्हें इस बगान को " प्रतिदिन तैयार करने में कुल एक घंटे का समय लगाया है. एक घंटे की मेहनत से उन्होंने ये पूरा बाग तैयार किया है. पुष्पा के मुताबिक शुरुआत में बाग तैयार करने में उन्हें काफी मेहनत लगी. लेकिन जब पेड़, पौधे तैयार हो गए. तो अब उन्हें इस बगिया में एक घंटे से ज्यादा का समय नहीं लगता"
अब घर में बाजार से फल और सब्जियों की कम खरीदारी होती है:पुष्पा साहू के मुताबिक "इस बगिया से उनकी घर की जरूरत का सारा फल मिल जाता है. घर के सब्जियों की भी जरूरत इस बगिया से पूरी होती है. उन्होंने बताया कि कि घर में जो तुलसी विवाह होता है. उस पूजा के लिए गन्ने की जो आवश्यकता होती है. वह गन्ना भी घर की छत पर वह उगा लेती हैं"
इस बगान से पुष्पा साहू ने की जैविक खेती:पुष्पा साहू ने बताया कि "इस बगान में उन्होंने जैविक खेती भी की है. इस बगान से पुष्पा साहू ने ऑर्गेनिक हल्दी का उत्पादन किया. इसे बाजार में भी उन्होंने बेचा. लोगों को यह हल्दी काफी पसंद आई". उनकी इस खेती में जम्मू यूनिवर्सिटी के कुलपति ने मदद की.
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घर के WASTE मटेरियल का गमले के रूप में प्रयोग:पुष्पा साहू ने बताया कि वे "वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल गमले के रूप में करती हैं. इनमें पेंट की बाल्टियां, प्लास्टिक के ड्रम, छोटे कंटेनर, पानी की टंकियां इत्यादि सामिल हैं. इस बगान से पुष्पा साहू ने हर तरह की सब्जियों का उत्पादन किया है". जिसमें बैंगन, भिंडी, टमाचर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, मिर्ची, धनिया और पुदीना शामिल है.
आप भी कर सकते हैं घर की छत पर खेती:पुष्पा साहू ने बताया कि "कोई अपने घर की छत पर खेती करना चाहता है तो वह घर पर खेती कर सकता है. वेस्ट मटेरियल का बेस्ट उपयोग किया जा सकता है. किसी भी पौधे को उगाने के लिए शुरुआत में एक परत खाद और एक परत मिट्टी का डालें. इस तरह आप कंटेनर और गमले में खेती कर सकते हैं". पुष्पा साहू इस तरह की खेती के लिए जैविक खेती का इस्तेमाल करती हैं. शुरुआत में उन्हें बाजार से गोबर की खरीदी करनी पड़ी लेकिन अब वह घर के कचरे और सब्जियों के छिलके से खाद तैयार करती हैं.