रायपुर :लाभ के पद के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की भाजपा की याचिका के बाद, चुनाव आयोग ने 25 अगस्त को झारखंड के राज्यपाल को अपना फैसला भेजा था. जिससे राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था.हालांकि चुनाव आयोग के फैसले को अभी तक आधिकारिक नहीं बनाया गया है, लेकिन चर्चा है कि चुनाव आयोग ने खनन पट्टे के संबंध में एक विधायक के रूप में मुख्यमंत्री की अयोग्यता की सिफारिश की (political situation in Jharkhand) है.
राज्यपाल ने कहा, "मैं एक संवैधानिक पद पर हूं और मुझे संविधान की रक्षा करनी है. किसी को भी मुझ पर यह कहते हुए उंगली नहीं उठानी चाहिए कि मैंने बदला लेने के लिए काम किया है, इसलिए मैंने दूसरी राय मांगी है."हालांकि, बैस ने चुनाव आयोग की सिफारिश और किससे उन्होंने दूसरी राय मांगी है, के बारे में विस्तार से नहीं बताया. यह पूछे जाने पर कि क्या दूसरी राय मिलने के बाद कोई बड़ा फैसला आएगा, राज्यपाल ने कहा,दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध है लेकिन झारखंड में नहीं. हो सकता है कि वहां एक एटम बम फट जाए.''