गुरु घासीदास जयंती: छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और सीएम ने दी प्रदेशवासियों को बधाई
Guru Ghasidas Jayanti गुरु घासीदास जयंती को लेकर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और सीएम ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है. साथ ही उनके बताए मार्ग में चलने की लोगों को नसीहत दी है.
रायपुर:छत्तीसगढ़ के महान संत गुरु घासीदास जी की जयंती 18 दिसंबर को है. गुरुघासीदास जयंती को लेकर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई दी है. साथ ही जनता को उनके बताए सतमार्ग पर चलने की हिदायत दी है.
राज्यपाल ने दी बधाई:छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने रविवार को ही संत बाबा गुरु घासीदास की जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है. राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि, "महान संत बाबा गुरुघासीदास ने सामाजिक, आर्थिक, शोषण, जातिवाद, सामंतियों के अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाकर मनखे-मनखे एक समान है का संदेश दिया. समाज को एकता के सूत्र में पिरोने वाले बाबा गुरू घासीदास शांति, सामाजिक समरसता के प्रतीक हैं. समाज को नई दिशा प्रदान करने में उनका अतुलनीय योगदान है. उनके उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं."
सीएम ने प्रदेशवासियों को दी बधाई:वहीं, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरू घासीदास जी की जयंती पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है.सीएम साय ने कहा कि, "बाबा गुरू घासीदास जी ने अपने उपदेशों के माध्यम से दुनिया को सत्य, अहिंसा और सामाजिक सद्भावना का मार्ग दिखाया. उन्होंने ’मनखे-मनखे एक समान’ के प्रेरक वाक्य के साथ यह संदेश दिया कि सभी मनुष्य एक समान है. उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ सामाजिक समरसता और सबके उत्थान की दिशा में काम किया. बाबा गुरू घासीदास जी ने लोगों को मानवीय गुणों के विकास का रास्ता दिखाया और नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना की. उनका जीवन दर्शन और विचार मूल्य पूरी मानव जाति के लिए कल्याणकारी है और अनुकरणीय है.
जानिए कौन हैं संत गुरु घासीदास:गुरु घासीदासजी का जन्म छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के गिरौदपुरी गांव में हुआ है. गुरु घासीदास जी सतनाम धर्म यानी कि सतनामी समाज के प्रवर्तक थे. गुरुजी महान वैद्य और वैज्ञानिक होने के साथ ही तर्कवादी विचारक थे. हर साल 18 दिसंबर को उनकी जयंती छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में मनाई जाती है.