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HERO: पिता के इलाज के दौरान दर्द का मंजर नहीं देखा गया, कोरोना मरीजों की सेवा में जुटे गौरव

रायपुर के युवा कोरोना वॉरियर गौरव मंधानी दिन-रात कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं. वह सुबह से लेकर देर रात तक कोरोना मरीज और उनके परिजनों की हर संभव मदद कर रहें हैं. वे कहते हैं कि, पिता कोरोना से पीड़ित थे, अस्पताल में जो भयावह मंजर उन्होंने देखा, उनकी रूह कांप गई. उन्होंने तब से कोरोना मरीजों और उनके परिजनों की मदद का फैसला लिया.

Gaurav Mandhani OF RAIPUR
कोविड काल के हीरो

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Published : May 5, 2021, 9:18 PM IST

रायपुर:कोरोना संकट के दौर में कई ऐसे युवा और ऊर्जावान जनसेवक हैं. जो अपनी जान की बाजी लगाकर दिन रात कोविड पीड़ित मरीजों की सेवा में जुटे हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं गौरव मंधानी जिन्होंने खुद अपने पिता के कोविड संक्रमित होने के बाद अस्पताल और अस्पताल के बाहर दिन रात मरीजों के दर्द को करीब से देखा. इसके बाद उन्होंने कोविड से जूझ रहे लोगों की मदद का फैसला लिया. वे बताते हैं कि उनके पिता जब कोरोना संक्रमित हुए थे उस समय किसी तरह के संसाधन काम नहीं आ रही थे, बावजूद इसके उन्होंने अपने पिता को कोरोना से लड़कर वापस लाया है.

कोरोना मरीजों की सेवा में जुटे रायपुर के गौरव मंधानी

अस्पताल में रहकर महसूस किया मरीजों का दर्द

युवा कोरोना वॉरियर गौरव मंधानी जो दिन रात कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं. वह सुबह से लेकर देर रात तक कोरोना मरीजों की सेवा करते दिख जाएंगे. गौरव में यह सेवा भाव की भावना उनके पिता के कारण शुरू हुई. गौरव के 65 वर्षीय पिता हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुए थे, हालांकि वे पूरी तरह से फिट होकर लौट चुके हैं. लेकिन इस दौरान उन्होंने और उनके परिजनों ने कोरोना मरीजों को हो रही दिक्कतों को बेहद करीब से महसूस किया. यही वजह रही कि उन्होंने अपने पिता के स्वस्थ होने के बाद ही नहीं बल्कि उनके अस्पताल में रहने के दौरान ही कोविड मरीजों की हर संभव मदद की.

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ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और खाने की कर रहे व्यवस्था

ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए गौरव बताते हैं कि उन्होंने तो अपने पिता को जैसे-तैसे अस्पताल में भर्ती करा दिया था, बावजूद इसके उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए शहर ही नहीं शहर से बाहर भी चक्कर काटने पड़े. अस्पताल के बाहर कई मरीजों के परिजनों से लगातार मिलने-जुलने और उनकी तकलीफों को करीब से देखने का मौका मिला. इस दौरान यह समझ में आया कि बहुत ही कम लोग सक्षम है जो कोविड का इलाज करा पा रहे हैं. लोग बेबस और लाचार है. उस दिन से ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड, वेंटिलेटर और खाना ही नहीं लोगों को सही समय पर अस्पताल में भर्ती कराने के लिए वे दिन-रात काम कर रहे हैं.

रात के 4 बजे तक भी कर रहे हैं मदद

गौरव बताते हैं कि वे कई संगठनों से जुड़े हैं. समाज के अलावा व्यापारी और अन्य युवा संगठनों से जुड़े होने और कई जगह से संपर्क होने के चलते वह लगातार नि:स्वार्थ तरीके से मरीज और उनके परिजनों की मदद करने में जुटे हुए हैं. शहर के पॉश कॉलोनी के अलावा बस्तियों में भी रहने वाले कई जरूरतमंदों को उन्होंने अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती करवाया है. साथ ही मरीज के परिजनों की भी हर जरूरी मदद कर रहे हैं.

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कई जिलों के संक्रमित मरीजों को कराया भर्ती

गौरव मंधानी ने बताया कि वे ना केवल रायपुर के बल्कि दूसरे जिलों के भी 50 मरीजों को एम्स अस्पताल में भर्ती करा चुके हैं. उन्होंने ऐसे विपरीत समय में काम कर रहे डॉक्टर, नर्सेज और तमाम मेडिकल स्टॉफ का आभार जताया है. वे कहते हैं कि एम्स के अलावा तमाम अस्पतालों के डॉक्टर और स्टाफ कोरोना मरीजों की सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं. डॉक्टर्स से मरीजों का फीडबैक भी वे समय-समय पर लेते हैं.

विपरीत समय में सेवा दे रहे डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ को दिल से दुआ

गौरव और भी युवाओं को लोगों की मदद करने आगे आने का आग्रह करते हैं. वे कहते हैं कि ऐसे समय में युवा साथी भी जरूरतमंदों की सेवा के लिए सामने आए. यह ऐसा समय है जब ना केवल अपनों को बल्कि जरूरतमंदों को युवाओं से उम्मीद है. युवाओं को बढ़-चढ़कर अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए. छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर तमाम युवा साथी अलग-अलग तरीके से अपने स्तर पर मेहनत कर रहे हैं. इस कठिन समय में सेवा कर रहे डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ के तमाम लोगों को दिल से दुआ है. वह अपने घर परिवार और खुद को खतरे डालकर लगातार जन सेवा में जुटे हुए हैं. ऐसे लोगों को दिल से सैल्यूट है.

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